
अतुल्य भारत चेतना
अनिल खटीक
मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के लिए टीम गठित की
हमीरपुर। बरसात के पानी को संरक्षित करते हुए नमी को बरकरार रखने के लिए लघु सिंचाई विभाग ने करोड़ों रूपये खर्च कर के चैक डैम का निर्माण कराया था। लेकिन निर्माण कार्य में धांधली होने की वजह से चेक डैम ध्वस्त हो गए। जिसकी वजह से नमी बनाये रखना तो दूर चैक डैमों में पानी ही नहीं रुक पा रहा है। ऐसे में निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने भी मजदूरी ना मिलने का आरोप भी लगाया है। अधिकारी टीम का गठन कर जांच कराने की बात कह रहे हैं। हमीरपुर में मुख्यमंत्री लघु सिचाई योजना के तहत 6.44 करोड़ की लागत से 13 नये बनाये गए थे व 36 पुराने चेकडेमो की मरम्मत कराई गई थी। जिसका मुख्य उद्देश किसानों की खेती में अतिरिक्त सिंचित हो सके। एक चेकडैम में एक किलोमीटर तक पानी का जल भराव होता है जिससे बीस हेक्टेयर ज़मीन सिंचित होगी। एक चेक डैम में बीस हज़ार घनमीटर पानी भंडारण की क्षमता होगी इस उद्देश्य के साथ विभाग ने चौकडैमो का निर्माण करवाया था, लेकिन यहाँ चेकडेमो का ये हाल है कि ना ही पानी का जल भराव है ना ही जल संरक्षण हो रहा है केवल विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भगत से पैसे का बंदरबॉट कर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाया गया है।समाजसेवी और अपना दल नेता महेंद्र सिंह राजपूत ने आरोप लगाते हुए कहा की बंधौली और चंडौत सहित कई गांव में मुख्यमंत्री लघु सिचाई योजना से चेक डैम बनवाये गए थे। कुछ चैक डैमों का जीर्णोद्धार भी कराया गया है। नए बने चैक डैमों का साईट सेलेक्शन सही नहीं किया गया है, जहाँ ठेकेदार को फायदा दिखाई दिया वहां चैक डैम बना दिए गए। अब जब बरसात का मौसम है तब इन चैक डैमों में एक बूँद पानी नहीं दिख रहा है। ऐसे में शासन और प्रशासन को चाहिए की इसकी टेक्नीकल जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।