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जिले के निजी शिक्षण संस्थान बने कॉपी किताब की दुकान, महंगे दामों पर किताबे व स्टेशनरी खरीदने को मजबूर अभिभावक

By News Desk Jul 10, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता अनिल कुमार खटीक

हमीरपुर। जनपद के निजी शिक्षण संस्थानो द्वारा संचालित मध्यवर्गीय छात्रों एवं अभिभावकों को मजबूरन महंगी पुस्तक एवं पाठ्य सामग्री खरीदने को मजबूर हैं। जिसको लेकर हमीरपुर कांग्रेस नेता उज्जवल पाठक ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाअधिकारी को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा मध्यवर्गीय तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावकों और छात्रों का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे है। जो कि शासन की दिशा निर्देशों के विरुद्ध है। फिर भी नियमो का उल्लंघन करते हुए निजी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया शुरू होते ही अभिभावकों की जेब ढीली होनी शुरू हो गई है। अभिभावक निजी स्कूलों से महंगे दाम में किताबें और स्टेशनरी खरीदने पर मजबूर हैं। इतना ही नहीं कई किताबें अन्य दुकानों पर भी नही मिल रही हैं जो कि बिल्कुल भी उचित नही है। और नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक करीबन तीन से सात हजार रुपये तक की किताबे और स्टेशनरी के सेट बिक रहे हैं। जिससे लोगों पर काफी ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ रहा है। जिलाधिकारी को ज्ञापन देते कांग्रेस नेता उज्जवल पाठक ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है, शिक्षा का उद्देश्य व्यापक सकारात्मक हैं। इससे शिक्षा के मूल उद्देश्य का हनन होता है तथा शिक्षा के व्यवसायीकरण को प्रोत्साहन मिलता है। जो कि भारत जैसे युवा आबादी एवं मानव संसाधन वाले विकासशील राष्ट्र के लिए पूर्णतया अस्वीकार है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से उच्च स्तरीय जांच कर संबंधित संस्थाओं के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ साथ इस प्रक्रिया को रोकने के लिए शासन की एक नई एडवाइजरी की मांग के साथ एक प्रति केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश को प्रेषित की मांग की है।

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