अतुल्य भारत चेतना
नरेंद्र साहू
बलौदा बाजार।
छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी नहीं करने के कारण लक्ष्मी साहू के नेतृत्व में सभी जिलों की मातृशक्तियाँ मानस भवन दुर्ग में महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं। बलौदाबाजार जिले से भी समाजसेविका एवं मातृशक्ति संगठन की निर्मला रजक के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। निर्मला रजक ने कहा कि नशा अपराध की जड़ है। 90% अपराध शराब के कारण हो रहे हैं। नशे के कारण महिला उत्पीड़न, बेटियों के साथ असहनीय-अमानवीय घटनाएं होती हैं। इसलिए अब मातृशक्ति संगठन इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकती। मातृशक्ति संगठन की लक्ष्मी साहू ने कहा कि सरकार की योजनाएं लोकहित के लिए होनी चाहिए। विकास के नाम पर शराब को राजस्व का स्रोत बनाकर अबोध मानव के शरीर का दोहन किया जा रहा है। विकास व्यक्ति के भौतिक सुख सुविधाओं के लिए होता है, व्यक्ति है तो विकास है, वरना व्यक्ति के बिना विकास का कोई औचित्य नहीं। पूर्व में सभी जिलों में मातृशक्ति संगठनों के द्वारा छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था, वहीं कुछ माह पहले मातृशक्ति के द्वारा डोंगरगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास तक पदयात्रा कर अंतिम विधानसभा सत्र में छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करने के लिए ज्ञापन दिया गया था। छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति से वादा करने के बावजूद अंतिम विधानसभा सत्र में भी पूर्ण शराब बंदी की घोषणा नहीं की गई है, जो छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति के साथ धोखा है। इसलिए 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती की अवसर पर सभी जिलों से पहुंची मातृशक्ति संगठन की बहनों ने अनिश्चितकालीन धरने पर इस उम्मीद से बैठ रही हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आचार संहिता लगने से एक दिन पूर्व कैबिनेट की बैठक कर छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री जब तक पूर्ण शराब बंदी की घोषणा नहीं करेंगे, तब तक सभी मातृशक्तियाँ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी रहेंगी।

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