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जीवन को लयबद्ध बनाती श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र प्राणी हो जाते हैं भवसागर पार- पंडित मिथलेश शर्मा

By News Desk May 6, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
वीरेंद्र यादव

सीपत। ग्राम नवागांव में रामखिलावन साहू एवं परिवार के सौजन्य से श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का संगीतमय आयोजन किया जा रहा हैं।

कथा व्यास के रूप में युवा धर्म रत्न स्थानीय कथा वाचक पंडित मिथलेश शर्मा जी के श्रीमुख से ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है। कथा के प्रथम दिवस भव्य ऐतिहासिक कलश यात्रा निकाली गई, सांध्यकालीन कथा महामात्य का वर्णन किया गया कथा में प्रतिदिन प्रातः काल में अभिषेक पूजा तुलसी परिक्रमा हवन पूजा पाठ किया जा रहा हैं, कथा व्यास पंडित मिथलेश शर्मा जी ने श्रीमद भागवत कथाका मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि भागवत चरणों में प्रीति लगाने मात्र एक मार्ग श्रीमद भागवत कथा है,

इसके बाद उन्होंने भगवन के 24 अवतारों एवम समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि माता पिता की सेवा भागवत सेवा के समान है माता पिता से श्री कृष्ण जीअत्यंत प्रसन्न होते है उन्होंने कहा कि ये धरा चौरासी लाख योनियों सुंदर बगीचा है तथा इस बगीचे को कोई नुकसान पहुंचा ने की कोशिश करता है तो भगवन इस धरा पर अवतरित होकर दुर्जनों का संघार करते है और सज्जनों का उद्धार करते है। श्रीमद भागवत कथा से मनुष्यो को ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है और उसे ईश्वर के श्री चरणों में स्थान मिलता है,

धुंधकारी अपने जीवन में बहुत पाप किए थे लेकिन श्रीमद भागवत कथा सुनकर उसका उद्धार हुआ श्रीमद भागवत कथा में सभी को भगवन के लीलाओं को अवतारों की कथा को मनुष्य को बार बार सुननी चाहिए इससे सुनने मात्र से हृदय की विकार दूर होते हैं अपने अवतार के माध्यम से श्री कृष्ण ने मानव जीवन को समझाने का प्रयास किया है श्रीमद भागवत कथा हमे मरना कैसे है, ये सिखाती है भागवत पुराण में भक्त को मरने से पहले क्या कर्म करें की अपनी मुक्ति को प्राप्त कर सके जीवन से मृत्यु की सुगम मार्ग का मार्गदर्शन केवल भागवत पुराण में मिलता है। भगवन की भक्ति से मोक्ष प्राप्त करने का सबसे सरल हरी नाम संकीर्तन है इस अवसर पर श्री राम खिलावन साहू,अहिल्या बाई कलीराम कांति बाई, कार्यक्रम संयोजक जय प्रकाश साहू रामफल धनसाय, पुसाऊ राम, कृष्णा, रत्ना देवी, रामायण, दुर्गेश्वरी लता देवी, रामेश्वरी पंचराम, खेमचंद जागेश्वरी, दुर्गा सावित्री गायत्री अंजू , लक्ष्मी नारायण , शिवनारायण अजय, विजय, हर्ष जय प्रकाश, मुकेश, कुमार, काजल, मुस्कान लीना आन्या, राखी, रचना, सोनिया सीमा, सान्या।

सीमा प्रिंसी, काव्यांश लाव्यांश भाविक बृजेश, सूरज रामेश्वर जलेश्वर द्वारिका प्रसाद मनीष खिलेश्वर संताराम, राजाराम, पंचराम रामकुमार राम ईश्वर राम शरण तिरिथ राम रामाधार उमाशंकर संजय, डॉ वीरेंद्र यादव, सुखीराम रजक, सूर्य प्रकाश, खंडों यादव सत्येंद्र ,अक्षय यादव,हिंछाराम नर्मदा ,गोविंद, मनीराम, संतोषी बाई रजक, अमरीका बाई, विनोद साहू इंद्राणी बाई, शुकवारा बाई, दुलारी बाई श्यामझूल ,जगदीश साहू, दरश राम, संतराम, रामकुमार दुबे, चैनकली साहू, शिला, बृहस्पति, अंबिका सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे, संगीत में गायक इंद्रजीत गोस्वामी, तबला वादक दीना गिर, पैड करण मरावी, बैंजो संतोष ध्रुव ने अपने संगीतमय के माध्यम से कथा को रसमय कर दिया।

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