अतुल्य भारत चेतना
रईस
रूपईडीहा/बहराइच। तीज पर्व के नजदीक आते ही रूपईडीहा के बाजारों में रौनक और चहल-पहल बढ़ गई है। खासकर नेपाली महिलाओं में इस बार वायरल लाल साड़ी का क्रेज चरम पर है। बाजार रंग-बिरंगी साड़ियों, सूट, और ब्लाउजों से सजे हुए हैं, और किफायती दामों के साथ आकर्षक डिजाइनों ने खरीदारी के उत्साह को दोगुना कर दिया है। दुकानों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है, और त्योहार की तैयारियों ने बाजारों को उत्सवमय बना दिया है।
वायरल लाल साड़ी का क्रेज
रिजवी वस्त्रालय के प्रोप्राइटर रजा इमाम रिजवी और ए टू जेड क्लॉथ हाउस के स्वामी सुभाष चंद्र जैन ने बताया कि इस तीज सीजन में नेपाली महिलाओं के बीच वायरल लाल साड़ी की मांग सबसे ज्यादा है। इस साड़ी की कीमत 315 रुपये से लेकर 1900 रुपये तक है, जो विभिन्न डिजाइनों और क्वालिटी में उपलब्ध है। लाल साड़ी का यह ट्रेंड नेपाली और भारतीय महिलाओं में समान रूप से लोकप्रिय है, क्योंकि यह तीज के पारंपरिक रंग और उत्साह को दर्शाता है। इसके अलावा, वायरल प्लाजो सेट, जिनकी कीमत 500 से 2000 रुपये के बीच है, और रेडीमेड वायरल ब्लाउज, जो 200 से 400 रुपये में उपलब्ध हैं, भी खूब बिक रहे हैं।
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बाजारों में त्योहारी रौनक
रूपईडीहा के बाजार तीज की तैयारियों में डूबे हुए हैं। गलियां रंग-बिरंगी साड़ियों, सूट, और फैशनेबल परिधानों से सजी हुई हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस बार बाजार में नए फैशन ट्रेंड और किफायती दामों का मेल देखने को मिल रहा है, जिसने खरीदारी को और आकर्षक बना दिया है। रजा इमाम रिजवी ने कहा, “इस बार नेपाली महिलाएं लाल साड़ी और प्लाजो सेट की ओर ज्यादा आकर्षित हैं। सस्ते दाम और अच्छी क्वालिटी के कारण मांग में तेजी आई है।” सुभाष चंद्र जैन ने भी बताया कि त्योहारी सीजन में दुकानों पर सुबह से देर रात तक ग्राहकों की भीड़ बनी रहती है।
महिलाओं का उत्साह
त्योहार की तैयारियों में जुटी महिलाओं ने बाजार के नए ट्रेंड और किफायती दामों की सराहना की। एक नेपाली महिला, शांति देवी, ने कहा, “लाल साड़ी तीज के लिए बहुत खास है। इस बार बाजार में इतने सारे डिजाइन और सस्ते दाम मिल रहे हैं कि खरीदारी का मजा दोगुना हो गया है।” एक अन्य खरीदार, राधिका, ने बताया कि रेडीमेड ब्लाउज और प्लाजो सेट की वैरायटी ने उनकी पसंद को और आसान बना दिया। महिलाओं का कहना है कि यह त्योहार उनके लिए न केवल परंपराओं को जीवंत करने का अवसर है, बल्कि फैशन और स्टाइल का प्रदर्शन करने का मौका भी देता है।
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सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
तीज पर्व भारत और नेपाल दोनों में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व महिलाओं के लिए सजने-संवरने, एक-दूसरे से मिलने, और परंपरागत उत्साह के साथ उत्सव मनाने का अवसर होता है। लाल साड़ी, जो सौभाग्य और खुशी का प्रतीक मानी जाती है, तीज के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय है। रूपईडीहा के बाजारों में नेपाली और भारतीय महिलाओं की एकजुटता और उत्साह ने इस पर्व को और भी रंगीन बना दिया।
दुकानदारों की प्रतिक्रिया
दुकानदारों ने इस त्योहारी सीजन में बढ़ी बिक्री पर खुशी जताई। रजा इमाम रिजवी ने कहा, “तीज के दौरान नेपाली महिलाओं की खरीदारी ने बाजार को नई रौनक दी है। हम हर साल उनके लिए नए डिजाइन और किफायती विकल्प लाने की कोशिश करते हैं।” सुभाष चंद्र जैन ने भी कहा कि त्योहारी मांग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दी है और दुकानदारों के लिए यह सीजन विशेष रूप से लाभकारी रहा है।
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रूपईडीहा में तीज पर्व की तैयारियों ने बाजारों को रंग-बिरंगे परिधानों और उत्साह से भर दिया। वायरल लाल साड़ी, प्लाजो सेट, और रेडीमेड ब्लाउज ने नेपाली और भारतीय महिलाओं के बीच खास जगह बनाई है। किफायती दामों और आकर्षक डिजाइनों के साथ यह त्योहारी सीजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक बना, बल्कि सामुदायिक एकता और खुशी का भी संदेश दे गया।