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Bahraich News; राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल का डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ निर्णय के खिलाफ तीखा विरोध: भारत की संप्रभुता पर हमला बताया

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

रुपैडिहा/बहराइच। राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ और रूस से व्यापार पर जुर्माने की शर्त को भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला करार दिया है। 4 अगस्त 2025 को रुपैडिहा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्याम कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेश मिश्र और प्रदेश अध्यक्ष रामजी तिवारी के संयुक्त बयान का हवाला देते हुए इस निर्णय की कड़ी निंदा की। पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह भारत के राष्ट्रीय हितों और आर्थिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए विदेशी दबाव को अस्वीकार करे। इस बयान ने भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्योगों पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।

ट्रम्प के निर्णय की पृष्ठभूमि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 अगस्त 2025 से भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा की, साथ ही रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने की बात कही। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भारत और रूस की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए भारत को “उच्च टैरिफ और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाओं” वाला देश बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रूस के साथ व्यापार, विशेष रूप से तेल और हथियारों की खरीद, रूस-यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देता है। इस बयान और टैरिफ नीति ने भारत में व्यापक विवाद को जन्म दिया है, जिसमें राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल ने मुखर विरोध दर्ज किया है।

राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल का बयान

रुपैडिहा में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला उपाध्यक्ष श्याम कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेश मिश्र और प्रदेश अध्यक्ष रामजी तिवारी के संयुक्त बयान को प्रस्तुत किया। बयान में कहा गया, “भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, और किसी भी बाहरी देश की दबाव नीति को स्वीकार करना हमारी संप्रभुता पर हमला है। ट्रम्प का यह निर्णय न केवल भारत की आर्थिक स्वतंत्रता को चुनौती देता है, बल्कि हमारे किसानों, मजदूरों, और छोटे उद्योगों की आजीविका को भी खतरे में डालता है।”

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पार्टी ने रूस और ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध के संभावित प्रभावों पर चिंता जताई। बयान में उल्लेख किया गया कि रूस से कच्चे तेल का आयात, जो रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले 0.2% था और अब 35-40% तक पहुंच गया है, भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस आयात को रोकने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि होगी, जिसका सीधा असर महंगाई और आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इसके अलावा, छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल ने अपने बयान में जोर दिया कि ट्रम्प के टैरिफ और जुर्माने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा। भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर का था, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 45.3 अरब डॉलर था। टैरिफ से भारतीय निर्यात, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, और टेक्सटाइल सेक्टर, प्रभावित होंगे। इसके अलावा, रूस से सस्ते तेल के आयात पर रोक से ईंधन की कीमतें बढ़ेंगी, जिसका असर परिवहन, कृषि, और विनिर्माण क्षेत्रों पर पड़ेगा।

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पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि इन नीतियों से लाखों किसानों और मजदूरों की आजीविका खतरे में पड़ सकती है। भारत, जो गेहूं, चावल, और दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी है, अपनी आत्मनिर्भरता को बनाए रखने के लिए कृषि क्षेत्र को मुक्त व्यापार समझौतों से बाहर रखता है। ट्रम्प की मांग कि भारत अपने कृषि और डेयरी बाजारों को खोले, भारतीय किसानों के लिए असमान प्रतिस्पर्धा पैदा कर सकती है, क्योंकि अमेरिकी किसानों को प्रति वर्ष 61,000 डॉलर की सब्सिडी मिलती है, जबकि भारतीय किसानों को केवल 282 डॉलर।

केंद्र सरकार से अपील

राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखे और अमेरिकी दबाव के सामने न झुके। पार्टी ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उस बयान का स्वागत किया, जिसमें कहा गया कि भारत एक निष्पक्ष और पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। श्याम कुमार मिश्रा ने कहा, “हमारी सरकार को चाहिए कि वह भारतीय किसानों, मजदूरों, और MSMEs के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। भारत की संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता से कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है।”

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पार्टी ने यह भी मांग की कि सरकार ट्रम्प के टैरिफ के जवाब में पारस्परिक टैरिफ लागू करने और वैकल्पिक व्यापार साझेदारों, जैसे यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, और आसियान देशों, के साथ संबंधों को मजबूत करने पर विचार करे। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” और स्वदेशी अभियान की सराहना की और इसे और गति देने की अपील की।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ

राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल का यह विरोध बहराइच जिले में किसानों और छोटे व्यापारियों के बीच बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। रुपैडिहा, जो भारत-नेपाल सीमा पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है, में स्थानीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि और छोटे उद्योगों पर निर्भर है। ट्रम्प के टैरिफ से स्थानीय स्तर पर निर्यात-आधारित व्यवसायों, जैसे कृषि उत्पाद और हस्तशिल्प, पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पार्टी का यह बयान स्थानीय समुदाय की चिंताओं को राष्ट्रीय मंच पर लाने का प्रयास है।

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इसके अलावा, यह विरोध अन्य राजनीतिक दलों, जैसे भाकपा (माले), द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों से भी संरेखित है, जिन्होंने गयाजी में ट्रम्प के टैरिफ के खिलाफ मार्च निकाला था। यह दर्शाता है कि ट्रम्प का निर्णय भारत में व्यापक असंतोष का कारण बन रहा है, जो विभिन्न दलों और समूहों को एकजुट कर रहा है।

समापन

राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल का डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ और जुर्माने के खिलाफ विरोध भारत की आर्थिक स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने इस निर्णय को भारतीय किसानों, मजदूरों, और छोटे उद्योगों पर हमला करार देते हुए केंद्र सरकार से दृढ़ रुख अपनाने की मांग की है। रुपैडिहा में जिला उपाध्यक्ष श्याम कुमार मिश्रा द्वारा प्रस्तुत संयुक्त बयान ने स्थानीय समुदाय को संगठित करने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। यह विरोध न केवल भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर चर्चा को तेज करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता और संप्रभुता के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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