अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), मथुरा की 59वीं छमाही बैठक मथुरा रिफाइनरी नगर के एम्प्लॉइज क्लब में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता नराकास मथुरा के अध्यक्ष एवं मथुरा रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख मुकुल अग्रवाल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. छबिल कुमार मेहेर, उप निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तर-2), गाजियाबाद ने भाग लिया। 4 अगस्त 2025 को आयोजित इस बैठक में राजभाषा हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने और सरकारी कार्यालयों में राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान नराकास की वार्षिक पत्रिका ‘ब्रज रश्मि’ का अनावरण भी किया गया।
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बैठक का शुभारंभ
बैठक का शुभारंभ राजभाषा गीत के गायन और उच्चाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस औपचारिक शुरुआत ने राजभाषा हिंदी के प्रति सम्मान और समर्पण को रेखांकित किया। मथुरा जिले के विभिन्न केंद्रीय कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, और बैंकों के कार्यालय प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
मुकुल अग्रवाल का संबोधन
अपने संबोधन में मुकुल अग्रवाल ने राजभाषा नीति के अनुपालन और सरकारी कामकाज में हिंदी के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “राजभाषा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है कि वह सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रगामी उपयोग को सुनिश्चित करे। हम सभी भारत सरकार की राजभाषा नीति से परिचित हैं, लेकिन कार्यालयों में हिंदी के उपयोग की स्थिति की नियमित समीक्षा आवश्यक है।” अग्रवाल ने नराकास, मथुरा को एक संयुक्त मंच के रूप में रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य सदस्य कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करना और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।

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डॉ. छबिल कुमार मेहेर की समीक्षा
मुख्य अतिथि डॉ. छबिल कुमार मेहेर ने सदस्य कार्यालयों से प्राप्त प्रगति रिपोर्ट के आधार पर राजभाषा कार्यान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कार्यालय प्रमुखों से राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम को लागू करने और भारत सरकार की राजभाषा नीति का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का आह्वान किया। डॉ. मेहेर ने विशेष रूप से धारा 3(3) के अक्षरश: पालन पर जोर दिया, जो सरकारी दस्तावेजों, जैसे अधिसूचनाएं, नियम, और पत्राचार, को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में जारी करने को अनिवार्य करता है। उन्होंने समिति के कार्यालयों में हिंदी के उपयोग में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इसे और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया।
‘ब्रज रश्मि’ पत्रिका का अनावरण
बैठक के एक महत्वपूर्ण आकर्षण के रूप में नराकास, मथुरा की वार्षिक पत्रिका ‘ब्रज रश्मि’ का अनावरण किया गया। इस पत्रिका में मथुरा के विभिन्न कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन से संबंधित लेख, गतिविधियां, और उपलब्धियां शामिल हैं। ‘ब्रज रश्मि’ नराकास के प्रयासों को दस्तावेजीकृत करने और राजभाषा जागरूकता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। पत्रिका का अनावरण मुकुल अग्रवाल और डॉ. छबिल कुमार मेहेर ने संयुक्त रूप से किया, जिसे उपस्थित सभी लोगों ने सराहा।
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नराकास, मथुरा की भूमिका
नराकास, मथुरा भारत सरकार के राजभाषा विभाग के तहत कार्यरत एक महत्वपूर्ण समिति है, जो मथुरा जिले के केंद्रीय कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, और बैंकों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देती है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रगामी उपयोग को सुनिश्चित करना और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों का समाधान करना है। नराकास नियमित रूप से छमाही बैठकों, कार्यशालाओं, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है, ताकि कार्यालय कर्मियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जा सके।
राजभाषा नीति का महत्व
भारत सरकार की राजभाषा नीति के तहत हिंदी को क्षेत्र ‘क’ (उत्तर भारत) में सरकारी कामकाज की प्रमुख भाषा के रूप में प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें मथुरा भी शामिल है। धारा 3(3) के तहत, कुछ विशेष दस्तावेजों, जैसे अधिसूचनाएं, नियम, और पत्राचार, को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में जारी करना अनिवार्य है। नराकास, मथुरा इस नीति के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है और कार्यालयों को हिंदी में प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करता है।
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समापन और प्रभाव
नराकास, मथुरा की 59वीं छमाही बैठक राजभाषा हिंदी के प्रति समर्पण और कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। मुकुल अग्रवाल और डॉ. छबिल कुमार मेहेर के नेतृत्व में इस बैठक ने मथुरा के कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को और बढ़ाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान किए। ‘ब्रज रश्मि’ पत्रिका का अनावरण और धारा 3(3) के अनुपालन पर जोर ने इस आयोजन को और प्रभावी बनाया।
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यह बैठक मथुरा के कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करने और राजभाषा नीति के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सफल रही। नराकास, मथुरा भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों और पहलों के माध्यम से हिंदी के प्रगामी उपयोग को बढ़ावा देगा, ताकि सरकारी कामकाज में राजभाषा का सम्मान और उपयोग सुनिश्चित हो सके।