अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। खादर क्षेत्र के गांव इस्सापुर खुरगान में बुधवार, 23 जुलाई 2025 को खेत की मेढ़ को लेकर दो सगे भाइयों, हारून और इलियास, के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के छह लोग घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
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विवाद का विवरण
गांव इस्सापुर खुरगान निवासी हारून और इलियास, जो सगे भाई हैं, के बीच खेत की मेढ़ को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था। बताया जाता है कि यह विवाद खेत की सीमा रेखा (मेढ़) को काटने या उसकी स्थिति को लेकर था। बुधवार को यह विवाद फिर से भड़क उठा, और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। देखते ही देखते यह तनाव हिंसक संघर्ष में बदल गया। दोनों पक्ष लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस होकर आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर हमला कर दिया।

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घायलों की स्थिति
इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों से कुल छह लोग घायल हुए। एक पक्ष से इलियास और उनके दो पुत्र जुनैद व जानिब को चोटें आईं, जबकि दूसरे पक्ष से हारून और उनके दो पुत्र शाहरुख व दानिश घायल हुए। घायलों को तत्काल कैराना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
सामुदायिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने गांव में तनाव का माहौल पैदा कर दिया। सगे भाइयों के बीच हुए इस खूनी संघर्ष से स्थानीय लोग स्तब्ध हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच मेढ़ को लेकर कई बार छोटे-मोटे विवाद हुए थे, लेकिन इस बार मामला हिंसक रूप ले लेगा, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच और शांति बहाली की मांग की है।
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कैराना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को घटना की सूचना मिली है, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू की है और गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। एसडीएम निधि भारद्वाज ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

सामाजिक और पारिवारिक संदर्भ
यह घटना न केवल एक पारिवारिक विवाद का परिणाम है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन और सीमा को लेकर होने वाले तनावों को भी उजागर करती है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की मेढ़, पानी के बंटवारे, या जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद आम हैं। इस्सापुर खुरगान जैसे गांवों में, जहां सामुदायिक और पारिवारिक रिश्ते गहरे होते हैं, इस तरह के विवाद सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं।
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सगे भाइयों के बीच हुए इस संघर्ष ने स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बना दिया है। कुछ ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि प्रशासन और स्थानीय पंचायत को इस तरह के विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की प्रक्रिया को और प्रभावी करना चाहिए।
भविष्य में रोकथाम के उपाय
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन विवादों को हल करने के लिए बेहतर तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा जमीन की पैमाइश और स्वामित्व के दस्तावेजों की नियमित जांच की जाए, ताकि इस तरह के विवादों को रोका जा सके। इसके अलावा, सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम और मध्यस्थता बैठकों के आयोजन से भी इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सकता है।
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इस्सापुर खुरगान में हुई इस दुखद घटना ने एक परिवार को तोड़ने के साथ-साथ सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और निष्पक्ष जांच से उम्मीद है कि स्थिति जल्द नियंत्रण में होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।