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रईस
बहराइच। देहात इंडिया संस्था के तत्वावधान में बुधवार, 23 जुलाई 2025 को सहजना प्राथमिक विद्यालय में यौन प्रजनन और स्वास्थ्य अधिकार (SRHR) विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का संचालन संस्था की कार्यकर्ता सरिता ने किया। बैठक में ग्राम स्तर के विभिन्न हितधारकों, जैसे स्कूल शिक्षक, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, किशोर-किशोरियां, और अभिभावकों ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य समुदाय को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्रदान करना और विशेष रूप से किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक परिवर्तनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
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बैठक का विवरण
सरिता ने बैठक में सुरक्षित माहवारी, गर्भधारण की जानकारी, लैंगिक समानता, किशोर स्वास्थ्य सेवाएं, और संबंधित कानूनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने किशोर-किशोरियों को आत्मनिर्भरता और सुरक्षित निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में भी जागरूक किया। इस दौरान किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों, उनकी चुनौतियों, और उनसे निपटने के उपायों पर प्रकाश डाला गया। सरिता ने बताया कि सही जानकारी और जागरूकता से किशोर-किशोरियां अपने स्वास्थ्य और भविष्य के बारे में बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
हितधारकों की भागीदारी
बैठक में स्कूल प्रधानाध्यापक ज्योति सैनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उर्मिला वर्मा और अनिता वर्मा, SMC अध्यक्ष जगदेव प्रसाद, और देहात इंडिया संस्था से निर्मला सहित समुदाय के कई लोग शामिल हुए। इन हितधारकों ने यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुली चर्चा में भाग लिया और समुदाय में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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ज्योति सैनी ने कहा, “किशोर-किशोरियों को उनके स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में सही समय पर जानकारी देना जरूरी है। यह बैठक स्कूल और समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।” उर्मिला वर्मा ने जोड़ा, “आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में, हम इस तरह की जागरूकता को गांव की महिलाओं और किशोरियों तक ले जाएंगे ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकें।”
सामाजिक और सामुदायिक महत्व
देहात इंडिया संस्था लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में कार्य कर रही है। यह बैठक सहजना जैसे ग्रामीण क्षेत्र में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुली चर्चा को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। बहराइच, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में से एक है, में इस तरह के आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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निर्मला ने बताया, “हमारा उद्देश्य है कि किशोर-किशोरियां और उनके अभिभावक यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें। इससे न केवल उनकी जिंदगी बेहतर होगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और स्वास्थ्य जागरूकता भी बढ़ेगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि संस्था भविष्य में इस तरह के और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी।
प्रमुख चर्चा बिंदु
सुरक्षित माहवारी: माहवारी स्वच्छता और इसके प्रबंधन के लिए सही जानकारी और संसाधनों की उपलब्धता पर जोर।
गर्भधारण की जानकारी: गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षित प्रथाओं पर चर्चा।
लैंगिक समानता: लिंग आधारित भेदभाव को कम करने और समान अवसरों को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
किशोर स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी योजनाओं और स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किशोरों के लिए उपलब्ध सेवाओं की जानकारी।
कानूनी जागरूकता: यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित कानूनों, जैसे बाल विवाह निषेध और यौन हिंसा विरोधी कानून, के बारे में जानकारी।
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सामुदायिक प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय ने इस बैठक की सराहना की। SMC अध्यक्ष जगदेव प्रसाद ने कहा, “इस तरह के आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं। किशोर-किशोरियों को उनके अधिकारों और स्वास्थ्य के बारे में जानना जरूरी है।” एक किशोरी प्रिया ने बताया, “हमें ऐसी जानकारी पहले कभी नहीं मिली। अब हम अपने स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में ज्यादा जागरूक हैं।”