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Nanpara news; नानपारा में अवैध अस्पतालों और पैथोलॉजी पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, तीन अस्पताल और एक पैथोलॉजी सेंटर सील

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

नानपारा/बहराइच। स्वास्थ्य विभाग ने नानपारा तहसील क्षेत्र के गायघाट और मटिहा मोड़ मार्केट में अवैध रूप से संचालित स्वास्थ्य संस्थानों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। सोमवार, 14 जुलाई 2025 को, विभाग की एक विशेष टीम ने छापेमारी कर तीन अस्पतालों और एक पैथोलॉजी सेंटर को सील कर दिया। इस कार्रवाई से अवैध स्वास्थ्य संस्थानों में हड़कंप मच गया है, और क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और वैधता पर सवाल उठने लगे हैं।

छापेमारी और कार्रवाई

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के निर्देश पर गठित स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गायघाट और मटिहा मोड़ मार्केट में अवैध रूप से संचालित स्वास्थ्य संस्थानों पर छापेमारी की। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. अनुराग वर्मा के नेतृत्व में इस अभियान में असगरी पैथोलॉजी सेंटर और चंदन हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। इसके अलावा, तेजस हॉस्पिटल और लखनऊ हॉस्पिटल पर भी विभागीय ताला जड़ दिया गया, क्योंकि छापेमारी की भनक लगते ही इनके संचालक अस्पताल बंद करके फरार हो गए थे। डॉ. अनुराग वर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई थी। जांच के दौरान पाया गया कि ये संस्थान बिना वैध लाइसेंस और निर्धारित मानकों के संचालित हो रहे थे। कई संस्थानों में न तो योग्य चिकित्सक थे और न ही आवश्यक चिकित्सा उपकरण। ऐसी स्थिति में ये संस्थान मरीजों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रहे थे।

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कार्रवाई का विवरण

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान पाया कि असगरी पैथोलॉजी सेंटर और चंदन हॉस्पिटल में न तो पंजीकरण प्रमाण-पत्र थे और न ही वहां कार्यरत कर्मचारियों के पास मान्यता प्राप्त योग्यता थी। तेजस हॉस्पिटल और लखनऊ हॉस्पिटल के संचालकों ने छापेमारी से पहले ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए, जिसके बाद विभाग ने इनके प्रवेश द्वार पर ताले लगा दिए। बरामद दस्तावेजों और सामग्री का पंचनामा तैयार किया गया, और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रतिवेदन सौंपा गया।

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डॉ. वर्मा ने बताया कि इन संस्थानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश चिकित्सा सेवा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। अवैध संस्थानों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।”

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अवैध स्वास्थ्य संस्थानों का प्रभाव

अवैध रूप से संचालित अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन करते हैं। बिना लाइसेंस के चलने वाले ये संस्थान अक्सर नकली दवाइयों और गैर-प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ काम करते हैं, जिससे मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में बहराइच और आसपास के क्षेत्रों में ऐसी कई घटनाएँ सामने आई हैं, जहाँ अवैध क्लीनिकों की लापरवाही के कारण मरीजों की जान को खतरा हुआ।

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सामुदायिक प्रतिक्रिया

नानपारा के स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसे अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर हमारे लिए खतरा हैं। कई बार लोग सस्ते इलाज के चक्कर में इनके पास चले जाते हैं और बाद में गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं।” निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की कार्रवाइयाँ नियमित रूप से की जाएं और अवैध संस्थानों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान हो।

प्रशासन की प्रतिबद्धता

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध स्वास्थ्य संस्थानों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। डॉ. अनुराग वर्मा ने कहा, “हमारी टीमें नियमित रूप से निरीक्षण कर रही हैं। गोपनीय सूचनाओं और शिकायतों के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे केवल पंजीकृत और मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य केंद्रों पर ही इलाज कराएँ और अवैध संस्थानों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

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स्वास्थ्य विभाग ने अवैध स्वास्थ्य संस्थानों पर नकेल कसने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की है। इसके तहत जिले के सभी क्षेत्रों में नियमित जांच, छापेमारी, और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि सभी निजी अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर अपने लाइसेंस और मानकों को नियमित रूप से नवीनीकृत करें। इसके अलावा, जनता को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य शिविर और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी, ताकि लोग अवैध स्वास्थ्य धनात्मक स्वास्थ्य संस्थानों से बच सकें। नानपारा में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर अवैध स्वास्थ्य सेवाओं पर नकेल कसने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। यह कदम न केवल जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि केवल योग्य और पंजीकृत संस्थान ही स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करें। गायघाट और मटिहा मोड़ में सील किए गए ये संस्थान क्षेत्र में अवैध चिकित्सा प्रथाओं पर कठोर कार्रवाई का एक उदाहरण हैं। यह कार्रवाई अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक नजीर बन सकती है।

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