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मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। कैराना के मोहल्ला बिसातयान में स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान एक नवजात शिशु की मौत हो गई, जबकि प्रसूता की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रसूता के पिता ने क्लीनिक की महिला चिकित्सक और आशा वर्कर पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा है। मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। यह घटना स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और अव्यवस्था को उजागर करती है।
घटना का विवरण
सहारनपुर जिले के गंगोह थाना क्षेत्र के गांव बुढ़नपुर निवासी राशिद ने कैराना कोतवाली पुलिस को शिकायती पत्र सौंपकर बताया कि उनकी पुत्री राशिदा की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व कैराना क्षेत्र के गांव भूरा में हुई थी। राशिदा गर्भवती थी और प्रसव के लिए उसे शामली के कई चिकित्सकों के पास ले जाया गया, जहां सभी चिकित्सकों ने ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी की सलाह दी। इसके आधार पर राशिद ने 8 जुलाई 2025 को अपनी पुत्री को कैराना के भूरा मार्ग पर स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया।
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अस्पताल में भर्ती के दौरान गांव भूरा की एक आशा वर्कर ने राशिद से संपर्क किया और दावा किया कि वह एक ऐसी महिला चिकित्सक के संपर्क में है, जो राशिदा की नॉर्मल डिलीवरी करा सकती है। आशा वर्कर की बातों में आकर राशिद ने अगले दिन, 9 जुलाई 2025 को, अपनी पुत्री को कैराना के मोहल्ला बिसातयान में स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती करा दिया। क्लीनिक में कार्यरत महिला चिकित्सक ने भी नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया।
लापरवाही का आरोप
राशिद ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि महिला चिकित्सक, आशा वर्कर, और एक अन्य पुरुष चिकित्सक ने उनकी पुत्री को नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्लीनिक के एक कमरे में ले गए। वहां उन्होंने कथित तौर पर राशिदा के पेट को जोर-जोर से दबाया और नवजात को जबरदस्ती बाहर खींचने की कोशिश की। इस प्रक्रिया के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई, और राशिदा की हालत भी गंभीर हो गई। इसके बाद, महिला चिकित्सक ने राशिदा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कैराना रेफर कर दिया। सीएचसी के चिकित्सकों ने राशिदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे हायर सेंटर भेजने की सलाह दी। वर्तमान में राशिदा मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
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शिकायती पत्र और मांग
राशिद ने अपने शिकायती पत्र में महिला चिकित्सक, आशा वर्कर, और संबंधित अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि आशा वर्कर ने जानबूझकर गलत सलाह देकर उनकी पुत्री को निजी क्लीनिक में भर्ती कराया, और महिला चिकित्सक ने अनुचित तरीके से नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप नवजात की मौत हुई और उनकी पुत्री की जान खतरे में पड़ गई।
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पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
कैराना कोतवाली पुलिस ने राशिद के शिकायती पत्र के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और निजी क्लीनिक की वैधता और वहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की जांच के आदेश दिए हैं।
सामुदायिक प्रभाव और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
यह घटना कैराना और आसपास के क्षेत्रों में निजी क्लीनिकों और आशा वर्करों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है। कई बार आशा वर्करों पर कमीशन के लिए मरीजों को निजी क्लीनिकों में भेजने के आरोप लगते रहे हैं। इस मामले में भी राशिद ने आशा वर्कर पर गलत सलाह देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, निजी क्लीनिकों में प्रशिक्षित चिकित्सकों और उचित उपकरणों की कमी भी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
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अन्य समान घटनाएँ
यह पहली बार नहीं है जब निजी क्लीनिकों में प्रसव के दौरान लापरवाही के कारण ऐसी दुखद घटनाएँ सामने आई हैं। हाल ही में, सासाराम (बिहार) में एक निजी क्लीनिक में वीडियो कॉल के जरिए सर्जरी करने के प्रयास में एक प्रसूता की मृत्यु हो गई थी, और आशा वर्कर पर गलत सलाह देने का आरोप लगा था। इसी तरह, आजमगढ़ और हरदोई में भी निजी अस्पतालों में प्रसव के दौरान लापरवाही के कारण मृत्यु की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। ये घटनाएँ निजी स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और नियमन की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
सामुदायिक प्रतिक्रिया और मांग
स्थानीय निवासियों और राशिद के परिवार ने इस घटना पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। परिवार का कहना है कि यदि समय पर उचित चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होतीं और आशा वर्कर द्वारा सही मार्गदर्शन दिया जाता, तो शायद नवजात की जान बच सकती थी और राशिदा की हालत इतनी गंभीर न होती। समुदाय ने निजी क्लीनिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और आशा वर्करों की भूमिका की जांच की मांग की है।
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प्रशासन से अपील
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निजी क्लीनिकों की निगरानी बढ़ाने, उनके लाइसेंस और सुविधाओं की नियमित जांच करने, और आशा वर्करों के प्रशिक्षण और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की जरूरत है। राशिद ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी पुत्री और नवजात के साथ हुए अन्याय के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ। कैराना में हुई इस दुखद घटना ने एक बार फिर निजी स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया है। यह प्रशासन और समाज के लिए एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और कठोर नियमन के बिना ऐसी त्रासदियाँ रुकना मुश्किल है।