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मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। जिला कृषि रक्षा अधिकारी के नेतृत्व में कृषि, राजस्व, और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने सोमवार, 14 जुलाई 2025 को कैराना के खादर क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर राई में छापेमारी कर अवैध रूप से संचालित दो खाद उर्वरक और पेस्टीसाइड की दुकानों को सीज कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान दुकानों से भारी मात्रा में खाद उर्वरक, कीटनाशक, पेस्टीसाइड, और रसायन बरामद किए गए। दोनों दुकानें गांव के दो सगे भाइयों, फारुख और शाहरुख, द्वारा बिना वैध लाइसेंस के संचालित की जा रही थीं।
छापेमारी और कार्रवाई
जिला कृषि रक्षा अधिकारी को गोपनीय सूचना मिली थी कि मोहम्मदपुर राई में बिना लाइसेंस के खाद उर्वरक और पेस्टीसाइड की दुकानें चल रही हैं। इस सूचना को जिलाधिकारी को अवगत कराने के बाद, एक संयुक्त टीम गठित की गई, जिसमें नायब तहसीलदार कैराना सतीश यादव, लेखपाल यमुना प्रसाद, लेखपाल कपिल कुमार, पेस्टीसाइड पटल सहायक अर्जुन कुमार, और पंजीठ चौकी प्रभारी एसआई बिजेंद्र सिंह शामिल थे।
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सोमवार को यह टीम मोहम्मदपुर राई पहुंची और दोनों दुकानों पर छापेमारी की। छापेमारी से पहले ही दुकान संचालक फारुख और शाहरुख दुकानें बंद कर फरार हो गए। इसके बाद, टीम ने दुकानों के ताले तोड़कर गहन जांच-पड़ताल की। जांच के दौरान भारी मात्रा में खाद उर्वरक, कीटनाशक, पेस्टीसाइड, और अन्य कृषि रसायन बरामद हुए, जो बिना किसी वैध लाइसेंस या अनुमति के बेचे जा रहे थे।

दुकानों को सीज, मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
जांच में पाया गया कि दोनों दुकानें बिना किसी वैध लाइसेंस के संचालित की जा रही थीं, जो कि कृषि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके बाद, संयुक्त टीम ने दोनों दुकानों को सीज कर दिया और बरामद सामग्री का पंचनामा तैयार किया। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों भाइयों, फारुख और शाहरुख, के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई थी। अवैध रूप से संचालित दुकानों से किसानों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए यह कदम जरूरी था।”
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अवैध दुकानों का प्रभाव
अवैध रूप से संचालित खाद उर्वरक और पेस्टीसाइड की दुकानें न केवल किसानों के लिए जोखिम पैदा करती हैं, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। बिना लाइसेंस के बेचे जाने वाले कीटनाशक और रसायन नकली या मानक से कम हो सकते हैं, जिससे फसलों को नुकसान और मिट्टी की उर्वरता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, ऐसे रसायनों का अनियंत्रित उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।
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प्रशासन की प्रतिबद्धता
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अवैध खाद और पेस्टीसाइड दुकानों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता किसानों को गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित खाद उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराना है। बिना लाइसेंस के संचालित होने वाली दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने किसानों से अपील की कि वे केवल पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही कृषि सामग्री खरीदें और किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
सामुदायिक प्रतिक्रिया
मोहम्मदपुर राई और आसपास के क्षेत्र के किसानों और निवासियों ने इस कार्रवाई की सराहना की है। स्थानीय किसानों का कहना है कि अवैध दुकानों के कारण कई बार उन्हें नकली और घटिया कीटनाशक मिलते थे, जिससे उनकी फसलें खराब हो जाती थीं। एक किसान ने कहा, “इस तरह की कार्रवाई से न केवल हमारा भरोसा प्रशासन पर बढ़ा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि हमें सही सामग्री मिले।”
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जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने अवैध दुकानों के खिलाफ सघन अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत नियमित जांच और छापेमारी की जाएगी। साथ ही, किसानों को जागरूक करने के लिए शिविर और कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है, ताकि वे नकली और अवैध कृषि उत्पादों से बच सकें। मोहम्मदपुर राई में हुई इस कार्रवाई ने प्रशासन की सक्रियता और किसानों के हितों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। यह कदम न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायक होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिले और उनकी मेहनत का सही फल प्राप्त हो।