अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के सुजौली थाना क्षेत्र में मासूम बच्चियों के अपहरण और दुष्कर्म की घटनाओं ने क्षेत्र में सनसनी मचा दी थी। सुजौली थाना पुलिस, स्वाट, और सर्विलांस की संयुक्त टीम ने इस जघन्य अपराध के अभियुक्त अविनाश पांडे उर्फ सिंपल पांडे (32 वर्ष), पुत्र अजय प्रकाश पांडे, निवासी सुजौली, को गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त के मोबाइल से पीड़ित बच्चियों के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बरामद हुए हैं, और उसने चार बच्चियों के साथ यौन हिंसा की बात स्वीकार की है।
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घटना का विवरण
जून 2025 के अंतिम सप्ताह से सुजौली थाना क्षेत्र में 5 से 10 वर्ष की बच्चियों के गायब होने की घटनाएं सामने आईं। परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटियां रात 3 से 4 बजे के बीच रहस्यमयी ढंग से गायब हो रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर थाना सुजौली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य सुसंगत धाराओं में मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी गायब बच्चियों को उसी दिन बरामद कर लिया और उनका मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पांच विशेष पुलिस टीमें गठित कीं, जिनमें सुजौली थाना पुलिस, स्वाट, और सर्विलांस टीम शामिल थीं। मोतीपुर क्षेत्राधिकारी हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में इन टीमों ने निम्नलिखित कदम उठाए:
घटनास्थल का निरीक्षण और बयान: पीड़ित बच्चियों के बयानों और उनके द्वारा बताए गए अभियुक्त के हुलिए (हाथ पर टैटू और दो मोबाइल) के आधार पर जांच शुरू की गई।
सीसीटीवी और सर्विलांस: क्षेत्र के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और सर्विलांस टीम ने बीटीएस डेटा का गहन विश्लेषण किया।
मुखबिर तंत्र और पूछताछ: मुखबिरों से सूचना मिली कि सुजौली निवासी अविनाश पांडे संदिग्ध है। पुलिस ने सीताराम पुलिया के पास नहर पटरी, ग्राम बाजपुर बनकटी से उसे हिरासत में लिया।
साक्ष्य और कबूलनामा: अभियुक्त के मोबाइल में पीड़िताओं के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो मिले। पूछताछ में उसने चॉकलेट, टॉफी, और नमकीन का लालच देकर बच्चियों को जंगल में ले जाकर यौन हिंसा करने की बात स्वीकार की। पीड़िताओं ने भी उसकी पहचान की।
पुलिस ने अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त साइकिल और दो मोबाइल फोन बरामद किए। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर उसे 7 जुलाई 2025 को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
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अभियुक्त का अपराध पैटर्न
अविनाश पांडे विशेष रूप से 5 से 10 वर्ष की बच्चियों को निशाना बनाता था, क्योंकि उसे लगता था कि वे अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत नहीं करेंगी। वह रात के सन्नाटे में सोती हुई बच्चियों को उनके घरों से अगवा करता और जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करता था। इसके बाद वह उन्हें उनके घरों के पास या सुनसान जगहों पर छोड़कर फरार हो जाता था। पुलिस ने बताया कि अभियुक्त की गतिविधियां सामान्य व्यक्ति जैसी नहीं थीं और वह मानसिक रूप से विकृत (साइको) अपराधी है।
पुलिस को पुरस्कार
पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह ने घटना के सफल अनावरण के लिए सुजौली थाना पुलिस और स्वाट टीम को 15,000-15,000 रुपये, सर्विलांस टीम को 10,000 रुपये, और उपनिरीक्षक रवींद्र तिवारी व मार्कंडेय मिश्रा को 10,000-10,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया।
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सामाजिक प्रभाव
इन घटनाओं ने सुजौली और आसपास के 12 से अधिक गांवों में दहशत फैला दी थी। अभियुक्त की गिरफ्तारी से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। यह मामला समाज में मासूम बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है और माता-पिता को रात में अपनी बच्चियों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर देता है।