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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। सावन मास की पवित्र शुरुआत इस वर्ष 11 जुलाई 2025 को रात 2:06 बजे से हो रही है। इसके साथ ही लाखों शिवभक्तों की आस्था का प्रतीक कांवड़ यात्रा का शुभारंभ होगा। इस दौरान श्रद्धालु नेपाल के प्रसिद्ध बागेश्वरी मंदिर परिसर में स्थापित भगवान खडेश्वर महादेव को गंगाजल से जलाभिषेक करने के लिए भारी संख्या में एकत्रित होंगे। यह मंदिर शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां कांवड़ियों का विशाल जनसैलाब उमड़ता है।
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रूपईडीहा में तैयारियां
रूपईडीहा क्षेत्र में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। रूपईडीहा हनुमान मंदिर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में कांवड़िए रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन ये श्रद्धालु नेपाल सीमा की ओर प्रस्थान करेंगे, जहां वे विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह स्वागत पंडाल स्थापित किए जा रहे हैं, जहां सामाजिक संगठन और स्वयंसेवक कांवड़ियों के लिए जलपान, प्राथमिक उपचार और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
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सामाजिक संगठनों की भूमिका
स्थानीय युवाओं और धार्मिक संस्थाओं ने कांवड़ यात्रा के दौरान सेवा शिविर लगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन शिविरों में कांवड़ियों को विश्राम, भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित ये शिविर यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वयंसेवक कांवड़ियों की सेवा में दिन-रात जुटे रहते हैं, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो।
कांवड़ यात्रा का महत्व
कांवड़ यात्रा शिवभक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक आयोजन है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र नदियों से जल लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा भक्ति, समर्पण और एकता का प्रतीक है। रूपईडीहा और आसपास के क्षेत्रों में यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों का उत्साह और सहयोग इस यात्रा को और भी भव्य बनाता है।