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Vidisha news; लटेरी में बच्चे की मौत के बाद ओम सांई क्लिनिक सील, प्रशासन ने शुरू की जाँच, स्थिति नियंत्रण में

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अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी

विदिशा/लटेरी। विदिशा जिले की लटेरी तहसील में 2 जुलाई 2025 की रात को एक झोलाछाप डॉक्टर की कथित लापरवाही के कारण 2 वर्षीय बच्चे देव कुशवाह की मृत्यु के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर अंशुल गुप्ता के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. रामहित कुमार ने घटना की जाँच की और परिजनों की शिकायत के आधार पर ओम सांई क्लिनिक को सील कर दिया गया है। वर्तमान में लटेरी में स्थिति सामान्य बताई जा रही है। इस दुखद घटना ने झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या को एक बार फिर उजागर किया है।

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घटना का विवरण

सीएमएचओ डॉ. रामहित कुमार द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2 जुलाई 2025 की रात को 2 वर्षीय देव कुशवाह, पिता विनोद कुशवाह, को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लटेरी में मृत अवस्था में लाया गया। परिजनों ने बताया कि बच्चे को सर्दी और खाँसी की शिकायत थी, जिसके चलते उसी दिन शाम को वे उसे लटेरी के ओम सांई क्लिनिक में डॉ. संतोष साहू के पास ले गए थे। डॉ. साहू ने बच्चे का एलोपैथी विधि से इलाज किया। लेकिन रात में बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उसे दोबारा डॉ. साहू के पास ले गए, लेकिन उन्होंने बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करने से इनकार कर दिया। इसके बाद परिजन अन्य चिकित्सकों के पास गए, लेकिन किसी ने भी बच्चे को नहीं देखा। अंततः बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लटेरी लाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रशासनिक कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने तत्काल जाँच के आदेश दिए। उनके निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. रामहित कुमार, प्रभारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) लटेरी, और तहसीलदार ने संयुक्त रूप से जाँच शुरू की। परिजनों की शिकायत के आधार पर ओम सांई क्लिनिक को सील करने की कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई गुरुवार, 3 जुलाई 2025 को की गई। सीएमएचओ ने बताया कि बच्चे का पोस्टमार्टम उसी दिन सुबह 8:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लटेरी में किया गया, और बिसरा (विसरा) को आगे की जाँच के लिए सुरक्षित रखा गया है।

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परिजनों और समुदाय का आक्रोश

बच्चे की मृत्यु के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। गुस्साए परिजनों और समुदाय ने क्लिनिक के बाहर प्रदर्शन किया और नेशनल हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने डॉ. संतोष साहू पर लापरवाही और बिना वैध लाइसेंस के क्लिनिक संचालित करने का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने क्लिनिक पर पथराव भी किया और डॉक्टर के साथ मारपीट की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डॉ. साहू को हिरासत में लिया और स्थिति को नियंत्रित किया।

प्रशासन का बयान

सीएमएचओ डॉ. रामहित कुमार ने कहा, “हमने कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई की है। ओम सांई क्लिनिक को सील कर दिया गया है, और बच्चे की मृत्यु के कारणों की जाँच के लिए बिसरा को लैब में भेजा गया है। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” तहसीलदार ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ जाँच होगी।

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झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या पर सवाल

यह घटना लटेरी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या को फिर से उजागर करती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना वैध चिकित्सा लाइसेंस और उचित योग्यता के कई लोग क्लिनिक चला रहे हैं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है। परिजनों ने माँग की है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस तरह के अवैध क्लिनिकों पर तुरंत कार्रवाई करे और ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराए।

सामुदायिक और सामाजिक प्रभाव

इस दुखद घटना ने लटेरी में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या को प्रमुखता से सामने लाया है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन अब इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई और दीर्घकालिक समाधान की माँग कर रहे हैं। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और अवैध चिकित्सा प्रथाओं पर रोक लगाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहन जाँच होगी और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिले में अवैध क्लिनिकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए जाएँगे। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे केवल लाइसेंस प्राप्त चिकित्सकों से ही इलाज कराएँ।

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