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मेहरबान अली कैरानवी
सहारनपुर। आगामी श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए आज सहारनपुर जनपद के सर्किट हाउस सभागार में एक महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय समन्वय गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मेरठ जोन भानु भास्कर ने की।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
बैठक में मंडलायुक्त सहारनपुर अटल राय, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मेरठ रेंज अजय साहनी, डीआईजी सहारनपुर रेंज, जिलाधिकारी सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और शामली, साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और शामली मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त, अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस गोष्ठी में हिस्सा लिया।
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कांवड़ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा
एडीजी भानु भास्कर ने कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए:
- सुरक्षा व्यवस्था: कांवड़ मार्ग पर 540 किलोमीटर लंबे रूट को 57 जोन और 155 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, और हापुड़ में 8,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
- यातायात प्रबंधन: यात्रा के दौरान भारी वाहनों पर प्रतिबंध और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर यातायात नियंत्रण के लिए विशेष योजना लागू की गई है।
- सोशल मीडिया निगरानी: अफवाहों और भड़काऊ सामग्री पर नियंत्रण के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल सक्रिय रहेगी।
- स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाएं: कांवड़ मार्ग पर मोबाइल मेडिकल वैन, सांप के काटने के लिए एंटी-वेनम, और बेसिक मेडिकेशन किट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
- खाद्य सुरक्षा: खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भोजनालयों को अपने मेनू और कीमतें प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।
- डीजे और ध्वनि नियंत्रण: डीजे वाहनों की ऊंचाई और चौड़ाई पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, और रात 11 बजे के बाद डीजे संचालन पर रोक रहेगी। आपत्तिजनक गीतों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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विशेष व्यवस्थाएं
- कांवड़ शिविर: मेरठ जोन में 838 अस्थायी कांवड़ शिविर स्थापित किए जाएंगे, जिनमें मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, बागपत में 90, और हापुड़ में 108 शिविर शामिल हैं।
- सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी: यात्रा मार्ग पर 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
- लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर: प्रमुख स्थानों पर लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर स्थापित किए जाएंगे, विशेष रूप से महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी।
- विद्युत व्यवस्था: बिजली विभाग द्वारा कांवड़ मार्ग पर ट्रांसफार्मर और बिजली के खंभों को नेटिंग या प्लास्टिक से ढकने, ढीले तारों की मरम्मत, और शिविरों के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन की व्यवस्था की जाएगी।
एडीजी के निर्देश
एडीजी भानु भास्कर ने सभी अधिकारियों को यात्रा के दौरान शांति, अनुशासन, और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा भक्ति और आस्था का पर्व है। हमारा लक्ष्य है कि सभी कांवड़िए सुरक्षित और सुगम यात्रा अनुभव करें। इसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय और तत्परता आवश्यक है।”
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कांवड़ यात्रा का महत्व
कांवड़ यात्रा, जो 11 जुलाई 2025 से शुरू होगी, श्रावण मास में भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाने वाली एक पवित्र यात्रा है। इस दौरान लाखों कांवड़िए हरिद्वार, गौमुख, और गंगोत्री से गंगाजल लेकर अपने गलत स्थानीय शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ी है, जिसमें भगवान शिव ने विषपान कर विश्व को बचाया था।