अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना। गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिकतम 27,000 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कैराना और आसपास के क्षेत्रों में यमुना के जलस्तर में आंशिक वृद्धि होने की संभावना है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बैराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है, जिसे नियंत्रित करने के लिए यमुना में पानी की मात्रा को बढ़ाया गया है।
पानी छोड़े जाने का विवरण
ड्रेनेज विभाग के अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज से दोपहर 2 बजे अधिकतम 27,000 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया। इससे पहले, सुबह 8 बजे 13,359 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया था। यह पानी अगले 24 घंटों में कैराना पहुंचेगा, जिससे यमुना के जलस्तर में मामूली वृद्धि होगी। वर्तमान में कैराना में यमुना का जलस्तर 229.100 मीटर पर है, जबकि यमुना ब्रिज पर स्थापित सूचकांक के अनुसार चेतावनी बिंदु 231.000 मीटर और खतरे का निशान 231.500 मीटर निर्धारित है।
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बारिश का प्रभाव और जल प्रबंधन
पहाड़ी क्षेत्रों, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, के साथ-साथ मैदानी इलाकों में निरंतर बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ रहा है। इस दबाव को कम करने के लिए बैराज से यमुना में नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया सामान्य है और बरसात के मौसम में जल प्रबंधन का एक हिस्सा है।
प्रशासन का आश्वासन
अवर अभियंता आशु कुमार ने स्पष्ट किया कि 27,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह नियंत्रित और सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी यमुना के जलस्तर को चेतावनी बिंदु या खतरे के निशान तक नहीं पहुंचाएगा। यह पानी 24 घंटे बाद कैराना पहुंचेगा, और इससे क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आपदा या खतरे की संभावना नहीं है।” प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखने और किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है।
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पर्यावरण और स्थानीय प्रभाव
यमुना नदी में पानी की मात्रा बढ़ने से स्थानीय पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह पानी खेतों, जलाशयों, और सिंचाई प्रणालियों के लिए लाभकारी हो सकता है, जिससे कृषि गतिविधियों को समर्थन मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यमुना का बढ़ा हुआ जलस्तर नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को भी पुनर्जनन में सहायता प्रदान करेगा। हालांकि, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि यह वृद्धि नियंत्रित रहेगी और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
सामुदायिक जागरूकता और सतर्कता
ड्रेनेज विभाग और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यमुना के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और नदी के जलस्तर पर नजर रखें। इसके साथ ही, प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।
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हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 27,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की यह प्रक्रिया बरसात के मौसम में जल प्रबंधन का एक सामान्य हिस्सा है। कैराना में यमुना का जलस्तर मामूली रूप से बढ़ेगा, लेकिन यह खतरे के निशान से काफी नीचे रहेगा। प्रशासन की सतर्कता और समय पर दी गई जानकारी ने क्षेत्र में किसी भी जोखिम की संभावना को समाप्त कर दिया है। यह पहल न केवल जल प्रबंधन की दक्षता को दर्शाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदाय की जरूरतों के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।