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रईस
बहराइच। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश के मार्गदर्शन में 13 सितंबर 2025 को जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और अपर जिला जज विराट शिरोमणि ने इसकी जानकारी देते हुए आम जनता से अपील की है कि वे इस अवसर का अधिकाधिक लाभ उठाएँ और अपने लंबित विवादों का सुलह-समझौते के आधार पर निपटारा कराएँ।
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राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य और महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मुकदमों और प्री-लिटिगेशन मामलों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण निपटारा करना है। यह प्रणाली न केवल न्यायिक प्रक्रिया को तेज करती है, बल्कि पक्षकारों को आपसी समझौते के माध्यम से विवादों को सुलझाने का अवसर प्रदान करती है। यह समय, धन, और मानसिक तनाव को कम करने का एक प्रभावी माध्यम है। सचिव विराट शिरोमणि ने बताया कि यह आयोजन बहराइच जिले में न्याय तक पहुँच को आसान बनाने और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्नलिखित प्रकार के मामलों का निपटारा किया जाएगा:
प्री-लिटिगेशन मामले
धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम (एनआई एक्ट): चेक बाउंस से संबंधित विवाद।
बैंक वसूली मामले: ऋण और वित्तीय विवाद।
टेलीफोन बिल्स: टेलीकॉम सेवाओं से संबंधित विवाद।
श्रम विवाद: श्रमिकों के अधिकारों से संबंधित मामले।
विद्युत और जल बिल विवाद: चोरी से संबंधित मामलों को छोड़कर, बकाया बिलों का निपटारा।
अन्य आपराधिक शमनीय वाद: छोटे-मोटे आपराधिक मामले जो सुलह के आधार पर निपटाए जा सकते हैं।
वैवाहिक और सिविल वाद: पारिवारिक और अन्य नागरिक विवाद।
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लंबित मुकदमे
आपराधिक शमनीय वाद: समझौते के आधार पर निपटाए जा सकने वाले आपराधिक मामले।
धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम: चेक बाउंस से संबंधित लंबित मामले।
मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाएँ: सड़क दुर्घटना से संबंधित मुआवजा मामले।
वैवाहिक और पारिवारिक विवाद: तलाक, भरण-पोषण, और अन्य पारिवारिक मामले।
श्रम विवाद: श्रमिकों के वेतन और अधिकारों से संबंधित लंबित मामले।
भूमि अधिग्रहण वाद: भूमि अधिग्रहण से संबंधित विवाद।
विद्युत और जल बिल विवाद: चोरी से संबंधित मामलों सहित (अशमनीय विवादों को छोड़कर)।
सर्विस विवाद: वेतन, भत्ते, और सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित मामले।
राजस्व वाद: राजस्व से संबंधित लंबित मामले।
अन्य सिविल वाद: किरायेदारी, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, और विशिष्ट अनुतोष से संबंधित मामले।
विशेष मध्यस्थता लोक अदालत
सचिव विराट शिरोमणि ने बताया कि 10 मई 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ-साथ मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) से संबंधित मामलों के लिए एक विशेष लोक अदालत का भी आयोजन किया गया था। इस विशेष लोक अदालत ने कई जटिल मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर हल करने में सफलता प्राप्त की थी। इस अनुभव को देखते हुए, 13 सितंबर की लोक अदालत में भी मध्यस्थता के माध्यम से विवादों के निपटारे पर विशेष जोर दिया जाएगा।
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जनता से अपील
विराट शिरोमणि ने आम जनता, वकीलों, और पक्षकारों से अपील की कि वे इस राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाएँ और अपने लंबित मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर निपटाएँ। उन्होंने कहा, “लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहाँ दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए त्वरित और निष्पक्ष समाधान संभव है। यह न केवल समय और धन की बचत करता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ाता है।”
आयोजन की तैयारियाँ
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच ने इस राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। जिला न्यायालय परिसर में विशेष बेंचों का गठन किया जाएगा, जिसमें अनुभवी न्यायाधीश, मध्यस्थ, और वकील शामिल होंगे। प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक विवादों का निपटारा हो सके। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, वकील संगठनों, और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
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सामाजिक और न्यायिक प्रभाव
राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन बहराइच जिले में न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और आम जनता को सस्ता, त्वरित, और सुलह-आधारित न्याय प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन न केवल लंबित मुकदमों के बोझ को कम करेगा, बल्कि समाज में आपसी समझौते और सौहार्द को बढ़ावा देगा। विशेष रूप से ग्रामीण और कमजोर वर्गों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जो लंबी और महंगी कानूनी प्रक्रियाओं से बचना चाहते हैं।
भविष्य की योजनाएँ
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने भविष्य में भी नियमित अंतराल पर लोक अदालतों का आयोजन करने की योजना बनाई है। सचिव विराट शिरोमणि ने कहा कि उनकी प्राथमिकता आम जनता को सुलभ और त्वरित न्याय प्रदान करना है। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग लोक अदालत के लाभों को समझ सकें और इसमें भाग ले सकें।
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13 सितंबर 2025 को बहराइच में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत न केवल न्यायिक प्रणाली को मजबूत करेगी, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह आयोजन आम जनता के लिए अपने विवादों को सुलझाने और न्याय तक पहुँचने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।