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Bahraich news; मिहींपुरवा में विद्युत संकट से नाराज़ व्यापारियों ने किया चक्का जाम, पुलिस के साथ हुई तीखी नोकझोंक

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

मिहींपुरवा/बहराइच। मिहींपुरवा कस्बे में बिगड़ती विद्युत आपूर्ति, जर्जर तारों, तकनीकी खामियों, और विद्युत विभाग की लापरवाही से त्रस्त व्यापारियों का सब्र रविवार को टूट गया। उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर कस्बे की सभी दुकानें बंद कर मुख्य बाजार स्थित रेलवे क्रॉसिंग चौराहे पर व्यापारियों ने चक्का जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। चार घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन में व्यापारियों ने विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तत्काल बिजली व्यवस्था में सुधार की माँग की।

विद्युत संकट और व्यापारियों का आक्रोश

पिछले एक माह से मिहींपुरवा में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई है। व्यापारियों का कहना है कि प्रत्येक दिन घंटों तक बिजली कटौती हो रही है, जिससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि बीते 24 घंटों में रोस्टर के अनुसार 21 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए थी, लेकिन केवल एक घंटे की आपूर्ति हुई। इस स्थिति ने व्यापारियों और आम जनता को परेशान कर दिया है। जर्जर तारों और तकनीकी खामियों के कारण बिजली की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिससे दैनिक जीवन और व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं।

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संजय सिंह ने बताया कि 21 जून को व्यापारियों ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) मिहींपुरवा के समक्ष अपनी समस्याएँ रखी थीं। उस बैठक में विद्युत विभाग को 28 जून तक बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का समय दिया गया था, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस लापरवाही के खिलाफ व्यापारियों को चक्का जाम और धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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पुलिस और व्यापारियों में तीखी नोकझोंक

चक्का जाम की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। नायब तहसीलदार ब्रह्मदिन यादव और तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार मौके पर पहुँचे, लेकिन व्यापारियों ने एसडीएम रैंक से नीचे के किसी अधिकारी से बात करने से इनकार कर दिया। इस बीच, मोतीपुर थाने के एसएचओ आनंद कुमार चौरसिया ने जाम खुलवाने की कोशिश की, जिसके चलते व्यापारियों और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। व्यापारियों ने अपनी माँगों पर अड़े रहकर स्पष्ट किया कि जब तक उच्च अधिकारी मौके पर नहीं आएँगे, वे जाम नहीं हटाएँगे।

एसडीएम के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना

लगभग चार घंटे बाद उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा प्रकाश सिंह मौके पर पहुँचे। व्यापारियों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने विद्युत आपूर्ति में शीघ्र सुधार का आश्वासन दिया, जिसके बाद व्यापारियों ने धरना समाप्त किया। एसडीएम प्रकाश सिंह ने कहा कि व्यापारियों को प्रदर्शन से पहले प्रशासन को सूचित करना चाहिए था, क्योंकि बिना पूर्व सूचना के चक्का जाम से यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने आश्वासन दिया कि व्यापारियों की माँगों को उच्च अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।

व्यापारियों और नागरिकों की माँगें

व्यापारियों ने निम्नलिखित माँगें उठाईं:

  1. नियमित बिजली आपूर्ति: रोस्टर के अनुसार 21 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
  2. जर्जर तारों का सुधार: पुराने और खराब तारों को तत्काल बदला जाए।
  3. तकनीकी खामियों का निदान: विद्युत उपकेंद्रों में तकनीकी सुधार और नियमित रखरखाव किया जाए।
  4. विभागीय जवाबदेही: विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जवाबदेही तय की जाए।

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उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

प्रदर्शन में उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में प्रतिष्ठित व्यापारी बाबूलाल शर्मा, अनूप मोदी, विजय पोरवाल, गुंजन मिश्रा, सभासद शुएब राईनी, शफीक अंसारी, ऋषि श्रीवास्तव, बद्री पोरवाल, सुधीर पोरवाल, इरफान अहमद, नवीन अग्रवाल, डॉ. छोटेलाल गुप्ता, सुदामा सिंह, और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

लगातार बिजली कटौती ने मिहींपुरवा में व्यापार और दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दुकानदारों का कहना है कि बिजली के अभाव में ग्राहक कम आ रहे हैं, जिससे उनकी आय में भारी कमी आई है। इसके अलावा, गर्मी के मौसम में बिजली की कमी ने आम नागरिकों के लिए भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं किया गया, तो वे और बड़े प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।

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प्रशासन से अपील

इस चक्का जाम ने मिहींपुरवा में विद्युत आपूर्ति की गंभीर समस्या को उजागर किया है। स्थानीय लोग और व्यापारी प्रशासन और विद्युत विभाग से तत्काल कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। यह घटना क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की कमियों और प्रशासनिक लापरवाही को रेखांकित करती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन और विद्युत विभाग इस समस्या का समाधान कैसे और कब तक करता है।

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