अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। जनपद पंचायत नटेरन की ग्राम पंचायत रावण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में मृत और दृष्टिहीन व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी निकालने, फर्जी मास्टर रोल तैयार करने, और गैर-मौजूद कार्यों के लिए बिल बनाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। ग्रामीणों ने इस मामले की गहन जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इसे भी पढ़ें: कामचोरों की तमन्ना बस यही…
घोटाले का विवरण
फर्जी बिल और जे.जी.एस.ए. स्ट्रक्चर
ग्राम पंचायत रावण में जल संरक्षण संरचना (जे.जी.एस.ए.) निर्माण के नाम पर कई फर्जी बिल बनाए गए। ये कार्य मौके पर मौजूद नहीं हैं, लेकिन कागजों में इन्हें पूरा दिखाकर राशि निकाली गई। प्रमुख मामले निम्नलिखित हैं:

- पानी की टंकी के पास जे.जी.एस.ए. स्ट्रक्चर: बिल क्रमांक 176, दिनांक 3 जून 2025, राशि 9,900 रुपये। यह संरचना मौके पर नहीं पाई गई।
- आंगनवाड़ी भवन के पास जे.जी.एस.ए. स्ट्रक्चर: बिल क्रमांक 177, दिनांक 3 जून 2025, राशि 9,900 रुपये। यह कार्य भी कागजी है।
- बमोरी में आंगनवाड़ी भवन के पास: बिल क्रमांक 175, दिनांक 3 जून 2025, राशि 9,900 रुपये। इस संरचना का कोई भौतिक साक्ष्य नहीं मिला।
- देव महाराज के पास जे.जी.एस.ए. स्ट्रक्चर: बिल क्रमांक 366, दिनांक 6 जून 2025। यह कार्य भी मौके पर नहीं पाया गया।
इन सभी मामलों में फर्जी मास्टर रोल तैयार किए गए, जिसके आधार पर मजदूरी की राशि निकाली गई।

इसे भी पढ़ें: जानिए क्या है लोन फोरक्लोजर? अर्थ, प्रक्रिया और ध्यान रखने योग्य बातें!
मृत व्यक्ति के नाम पर मजदूरी
सबसे गंभीर मामला 76 वर्षीय जगन्नाथ किरार का है। उनका जॉब कार्ड क्रमांक MP27005045001/1083 है। कागजों में उन्हें 2 अप्रैल 2025 से 1 जून 2025 तक चार बार मजदूरी करते दिखाया गया, जबकि उनकी मृत्यु 12 मई 2025 को विदिशा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हो चुकी थी। उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र (क्रमांक D202523910180000271) 6 जून 2025 को जारी हुआ। यह मामला स्पष्ट रूप से मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जीवाड़े को दर्शाता है।

दृष्टिहीन व्यक्ति के नाम पर मजदूरी
हीरालाल दयाराम, जो दृष्टिहीन हैं, के नाम पर भी फर्जी मजदूरी निकाली गई। उनका जॉब कार्ड क्रमांक 2700604500/305 है। कागजों में उन्हें 3 जून 2025 से 9 जून 2025 तक पानी की टंकी के पास जे.जी.एस.ए. स्ट्रक्चर निर्माण में काम करते दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, 1 फरवरी 2022 से 7 फरवरी 2022 तक मनोहर के घर से रामप्रसाद के घर तक सीसी रोड निर्माण में भी उनका नाम दर्ज किया गया। एक दृष्टिहीन व्यक्ति का इस तरह के शारीरिक श्रम कार्यों में शामिल होना असंभव है, जो घोटाले की गंभीरता को और उजागर करता है।
उपस्थिति में गड़बड़ी
ग्राम पंचायत द्वारा दर्ज की गई उपस्थिति में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं। अटेंडेंस रजिस्टर में एक व्यक्ति का नाम और दूसरे व्यक्ति की फोटो लगाई गई, जिससे यह स्पष्ट है कि फर्जी तरीके से मजदूरी की राशि निकाली गई।
ग्रामीणों की मांग
ग्राम पंचायत रावण के ग्रामीणों ने इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस फर्जीवाड़े से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है, बल्कि जरूरतमंद ग्रामीणों को रोजगार के अवसरों से वंचित किया गया है। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इसे भी पढ़ें: कॉस्मेटोलॉजी (Cosmetology) में कॅरियर और इससे जुड़े संस्थानों की पूरी जानकारी
प्रशासन का बयान
जनपद पंचायत नटेरन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जितेंद्र धाकरे ने कहा, “मृत और दृष्टिहीन व्यक्ति मनरेगा योजना के तहत काम नहीं कर सकते। यदि ऐसा हुआ है, तो मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
मनरेगा योजना का उद्देश्य और इसका दुरुपयोग
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करना और टिकाऊ संपत्तियों जैसे सड़कों, तालाबों, और कुओं का निर्माण करना है। यह योजना ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। हालांकि, ग्राम पंचायत रावण में सामने आए इस घोटाले ने योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

इसे भी पढ़ें: अतुल्य भारत चेतना के साथ सिटिजन रिपोर्टर के रूप में करें अपने कॅरियर का आगाज
ग्राम पंचायत रावण में मनरेगा योजना के तहत हुआ यह घोटाला सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का एक गंभीर उदाहरण है। मृत और दृष्टिहीन व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी निकालना, फर्जी मास्टर रोल तैयार करना, और गैर-मौजूद संरचनाओं के लिए बिल बनाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि ग्रामीण विकास के लिए आवंटित संसाधनों का दुरुपयोग भी है। प्रशासन को इस मामले की त्वरित, निष्पक्ष, और पारदर्शी जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।