अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा/मध्य प्रदेश। राज्यरानी एक्सप्रेस (22161/62) जो दमोह से भोपाल के मध्य एकमात्र दैनिक इंटरसिटी ट्रेन है, वर्तमान में यात्रियों की बढ़ती मांगों और सुविधाओं की कमी के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। इस ट्रेन पर अत्यधिक भीड़ और असुविधाजनक समय-सारणी जैसी समस्याओं को संबोधित करने के लिए, 22 जून 2025 को मध्य प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेलवे अपडाउनर्स एसोसिएशन के बैनर तले एक संयुक्त ज्ञापन रेलवे अधिकारियों को सौंपा गया। यह ज्ञापन रेलवे बोर्ड (नई दिल्ली), पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जबलपुर), और भोपाल एवं जबलपुर मंडलों के डीआरएम को संबोधित था। ज्ञापन का उद्देश्य दमोह-भोपाल रेल खंड पर यात्रा करने वाले हजारों दैनिक यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा, और समय-संबंधी मांगों को रेलवे प्रशासन के समक्ष रखना था।
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प्रमुख समस्याएँ
- कोचों की अपर्याप्त संख्या:
राज्यरानी एक्सप्रेस में वर्तमान में केवल 15 कोच (SLR सहित) हैं, जो बढ़ती यात्री भीड़ के लिए पूरी तरह अपर्याप्त हैं। इससे यात्रियों को खड़े होने की जगह भी नहीं मिलती, जिससे यात्रा असुविधाजनक और असुरक्षित हो जाती है। - महिलाओं, बुजुर्गों, और विद्यार्थियों की कठिनाइयाँ:
अत्यधिक भीड़ के कारण महिलाएँ, बुजुर्ग, और विद्यार्थी विशेष रूप से असुरक्षित और असहज महसूस करते हैं। इससे मानसिक तनाव और असुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है। - अतार्किक समय-सारणी:
ट्रेन बीना से भोपाल की दूरी 2 घंटे 35 मिनट में तय करती है, जबकि वापसी में यही दूरी केवल 2 घंटे में पूरी करती है। यह असंगत समय-सारणी यात्रियों के लिए अव्यवहारिक है। - भोपाल आउटर पर अनावश्यक देरी:
ट्रेन भोपाल आउटर पर समय से पहले पहुँचने के बावजूद भोपाल स्टेशन में देर से प्रवेश करती है। इससे यात्रियों का कीमती समय व्यर्थ होता है, जिसका असर उनके कार्यालय, कॉलेज, और अन्य दैनिक कार्यों पर पड़ता है। - विदिशा से भोपाल के लिए सीमित विकल्प:
सुबह 9:27 बजे के बाद विदिशा से भोपाल के लिए कोई अन्य ट्रेन उपलब्ध नहीं है। इस कारण राज्यरानी एक्सप्रेस पर असामान्य भीड़ बढ़ती है, जो यात्रियों के लिए एकमात्र विकल्प बन जाती है।
प्रमुख मांगें और सुझाव
ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें और सुझाव प्रस्तुत किए गए:
- कोच वृद्धि:
तत्काल प्रभाव से कम से कम 4 चेयरकार (CC) और 4 सामान्य (GS) कोचों की वृद्धि की जाए, ताकि यात्रियों को पर्याप्त स्थान और सुविधा मिल सके। - समय-सारणी में परिवर्तन:
ट्रेन का बीना से प्रस्थान समय सुबह 8:30 बजे निर्धारित किया जाए, जिससे यह सुबह 10:00 बजे विदिशा और 10:45 बजे भोपाल पहुँच सके। यह समय-सारणी यात्रियों की सुविधा के लिए अधिक तर्कसंगत होगी।
- नई ट्रेन सेवा:
दमोह-भोपाल खंड में एक अतिरिक्त MEMU या इंटरसिटी ट्रेन शुरू की जाए। इससे यात्रीभार का संतुलन होगा और राज्यरानी एक्सप्रेस पर निर्भरता कम होगी।
तुलनात्मक विश्लेषण: कोच संख्या में असमानता
ज्ञापन में अन्य इंटरसिटी ट्रेनों के साथ राज्यरानी एक्सप्रेस की कोच संख्या की तुलना प्रस्तुत की गई, जो इस ट्रेन के साथ हो रही नीतिगत उपेक्षा को स्पष्ट करती है:
क्रम | ट्रेन संख्या | नाम | कोच संख्या |
---|---|---|---|
1 | 12061/62 | जबलपुर-रानी कमलापति जनशताब्दी | 21 कोच |
2 | 12197/98 | भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी | 21 कोच |
3 | 22187/88 | रानी कमलापति-जबलपुर इंटरसिटी | 23 कोच |
4 | 12189/90 | रीवा-जबलपुर इंटरसिटी (LHB) | 22 कोच |
5 | 11265/66 | अंबिकापुर-जबलपुर इंटरसिटी (LHB) | 22 कोच |
6 | 11651/52 | सिंगरौली-जबलपुर इंटरसिटी (LHB) | 22 कोच |
7 | 22161/62 | भोपाल-दमोह राज्यरानी एक्सप्रेस | केवल 15 कोच |
यह तालिका दर्शाती है कि अन्य समान दूरी और महत्व की इंटरसिटी ट्रेनों की तुलना में राज्यरानी एक्सप्रेस में कोचों की संख्या काफी कम है, जो यात्रियों की मांग को पूरा करने में असमर्थ है।
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ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया
विदिशा में रेलवे अपडाउनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद आजम उद्दीन ने स्टेशन प्रबंधक आर.बी. ठाकुर को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य रवि तलरेजा, सुनील बालोटिया, राजेंद्र मूंदड़ा, इमरान खान, जुल्फिकार, और हरजिंदर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। ज्ञापन सौंपने का कार्य भोपाल, गंजबासौदा, मंडी बामोरा, बीना, सागर, और दमोह स्टेशनों पर भी समन्वित रूप से किया गया, जो इस मुद्दे की व्यापकता और सामूहिक प्रयास को दर्शाता है।
सामाजिक और नीतिगत महत्व
यह ज्ञापन किसी एक क्षेत्र, स्टेशन, या संगठन की मांग नहीं, बल्कि दमोह-भोपाल रेल खंड के हजारों दैनिक यात्रियों की सामूहिक आवाज है। राज्यरानी एक्सप्रेस इस क्षेत्र के आर्थिक, शैक्षिक, और सामाजिक विकास का महत्वपूर्ण आधार है। कोचों की कमी और असुविधाजनक समय-सारणी के कारण यात्रियों को होने वाली परेशानियाँ इस विकास को बाधित कर रही हैं। पदाधिकारियों ने आशा व्यक्त की है कि रेलवे बोर्ड इस जनमांग को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा, जैसे कि कोच वृद्धि, समय-सारणी में सुधार, और नई ट्रेन सेवा की शुरुआत।
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22 जून 2025 को सौंपा गया यह ज्ञापन राज्यरानी एक्सप्रेस में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन सामुदायिक एकता, यात्री जागरूकता, और रेलवे प्रशासन के साथ संवाद का प्रतीक है। यात्रियों की यह मांग न केवल सुविधा की बात है, बल्कि उनके अधिकार और सम्मान की भी मांग है। रेलवे प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस ज्ञापन पर त्वरित कार्रवाई करेगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्राप्त हों और इस रेल खंड का महत्व और बढ़े।