अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
नटेरन/विदिशा। जल जीवन मिशन की सगड़ बांध हिनोतिया माली परियोजना, जिसके तहत नटेरन क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की जाती है, में पिछले तीन महीनों से वॉल्व लीकेज की समस्या बनी हुई है। इस लापरवाही के कारण न केवल पानी की बर्बादी हो रही है, बल्कि गंदा पानी पाइपलाइनों में मिलने से ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बारिश का मौसम नजदीक होने के साथ ही यह समस्या और गंभीर हो सकती है, क्योंकि लीकेज के माध्यम से खराब पानी नलों तक पहुँचने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
समस्या का विवरण
नटेरन में जल जीवन मिशन के तहत स्थापित अधिकांश वॉल्व खराब हो चुके हैं, जिससे गर्मी के मौसम में पानी की भारी बर्बादी हुई और ग्रामीणों को पेयजल के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा। लीकेज के कारण सड़कों पर लगातार पानी भरा रहता है, जिससे रास्ते खराब हो गए हैं। इससे भी गंभीर बात यह है कि लीकेज से गंदा पानी पाइपलाइनों में वापस मिल रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह समस्या पिछले तीन महीनों से बनी हुई है, लेकिन जल जीवन मिशन और संबंधित विभागों की ओर से कोई सुधार कार्य नहीं किया गया। नटेरन मुख्यालय पर यह स्थिति है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और बदतर होने की आशंका है।
जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की शिकायत
जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशपाल रघुवंशी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “हमने कई बार जल जीवन मिशन के अधिकारियों और कर्मचारियों को वॉल्व लीकेज और खराबी की समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यदि शीघ्र ही लीकेज और वॉल्व नहीं सुधारे गए, तो हम कलेक्टर महोदय को शिकायत करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।” ग्रामीणों ने भी इस लापरवाही पर नाराजगी जताई और स्वच्छ पेयजल की मांग की।
जल जीवन मिशन की प्रतिक्रिया और प्रशासनिक पत्राचार
जल जीवन मिशन के डिप्टी मैनेजर दीपक प्रजापति ने 15 दिन पहले दावा किया था कि एक-दो दिनों में नटेरन के सभी खराब वॉल्व और लीकेज को सुधारने के लिए टीम भेजी जाएगी। हालांकि, इस वादे के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। इसके अलावा, अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग ने मार्च 2025 में जल निगम, भोपाल को पत्र लिखकर सभी लीकेज सुधारने का अनुरोध किया था, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्य शुरू नहीं हुआ।
बारिश के मौसम में बढ़ता खतरा
जैसा कि बारिश का मौसम नजदीक है, लीकेज वॉल्व के माध्यम से गंदा पानी पाइपलाइनों में मिलने का खतरा और बढ़ गया है। यह स्थिति जलजनित रोगों जैसे डायरिया, टाइफाइड, और हैजा को जन्म दे सकती है। ग्रामीणों ने चिंता जताई कि यदि समय रहते वॉल्व नहीं बदले गए, तो स्वच्छ पेयजल की जगह दूषित पानी नलों से आएगा, जिसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
जल जीवन मिशन का उद्देश्य और वास्तविकता
जल जीवन मिशन, जिसे 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था, का उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था। मिशन में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, और ग्रे वाटर प्रबंधन जैसे उपायों पर जोर दिया गया है। हालाँकि, फरवरी 2025 तक 15.44 करोड़ (79.74%) ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन मिल चुके हैं, लेकिन नटेरन जैसे क्षेत्रों में रखरखाव की कमी और लीकेज जैसी समस्याएँ मिशन के उद्देश्यों को कमजोर कर रही हैं।
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राष्ट्रीय स्तर पर, जल जीवन मिशन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें दीर्घकालिक रखरखाव नीति की कमी, धन का कम उपयोग (2024-25 में केवल 30.72% धन का उपयोग), और तकनीकी/प्रशासनिक बाधाएँ शामिल हैं। नटेरन में वॉल्व लीकेज की अनदेखी इन राष्ट्रीय चुनौतियों का एक स्थानीय उदाहरण है।
सामुदायिक प्रभाव और माँग
नटेरन के ग्रामीण इस लापरवाही से त्रस्त हैं और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए तत्काल कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। गंदा पानी और सड़कों की खराबी ने उनके दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। स्थानीय समुदाय ने प्रशासन से माँग की है कि जल जीवन मिशन के तहत न केवल नल कनेक्शन प्रदान किए जाएँ, बल्कि उनकी नियमित मरम्मत और रखरखाव भी सुनिश्चित किया जाए।
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नटेरन में जल जीवन मिशन की सगड़ बांध हिनोतिया माली परियोजना में वॉल्व लीकेज की तीन महीने पुरानी समस्या ने स्थानीय प्रशासन और जल जीवन मिशन की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए हैं। बारिश के मौसम के नजदीक होने के साथ, यह समस्या और गंभीर हो सकती है। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होना चिंता का विषय है। जल जीवन मिशन के डिप्टी मैनेजर और जल निगम को तत्काल इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए, ताकि नटेरन के लोगों को स्वच्छ और नियमित पेयजल मिल सके। यदि यह समस्या अनसुली रही, तो स्थानीय समुदाय कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज करने की योजना बना रहा है। यह स्थिति जल जीवन मिशन के लिए एक सबक है कि परियोजनाओं के रखरखाव और समयबद्ध कार्रवाई के बिना ‘हर घर जल’ का लक्ष्य केवल कागजों पर रह जाएगा।