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बहराइच। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध सप्ताह के अंतर्गत 17 जून 2025 को बहराइच के विकास भवन सभागार में बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति और जिला टास्क फोर्स की बैठक के साथ-साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में बाल श्रम की रोकथाम और उन्मूलन के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा हुई।
कार्यशाला का उद्देश्य
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल एवं किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के बारे में सभी सदस्यों को जागरूक करना और बाल श्रम की रोकथाम के लिए ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करना था। प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपस्थित अधिकारियों और संस्थाओं को बाल श्रम के खिलाफ समन्वित और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
जिला टास्क फोर्स की उपलब्धियां
जिला टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने पिछले एक वर्ष में बाल श्रम उन्मूलन के लिए निम्नलिखित कार्य किए:
- 133 निरीक्षण: विभिन्न कार्यस्थलों पर निरीक्षण किए गए।
- 164 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया: इन बच्चों को बाल श्रम से अवमुक्त कर उनकी शिक्षा और पुनर्वास की व्यवस्था की गई।
- 84 सेवायोजकों के खिलाफ प्रभियोजना: बाल श्रम में शामिल नियोक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
- बाल श्रमिक विद्या योजना: 53 बच्चों को 6,58,800 रुपये की सहायता प्रदान की गई।
- पुनर्वास और सहायता: अवमुक्त बच्चों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया। प्रथम संस्था और अन्य स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से बच्चों को स्कॉलरशिप और उनके अभिभावकों को जीविकोपार्जन के लिए ठेला, गुमटी आदि प्रदान किए गए।
बच्चों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
कार्यशाला में अवमुक्त बाल श्रमिकों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि बाल श्रम से मुक्ति और शिक्षा के अवसर प्राप्त होने से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। एक बच्चे, राहुल, ने कहा:
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“पहले मैं एक दुकान पर काम करता था, लेकिन अब मैं स्कूल जाता हूँ और पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरे परिवार को भी सहायता मिली, जिससे हमारी जिंदगी बेहतर हुई।”
समन्वय और सहयोग पर जोर
अध्यक्ष, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सी.डब्ल्यू.सी.) ने सभी विभागों और संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर बाल श्रम को जड़ से मिटाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति और संस्थाएं
कार्यशाला में निम्नलिखित अधिकारी और संस्थाएं उपस्थित रहीं:
- जिला प्रोबेशन अधिकारी: विनोद राय
- जिला कार्यक्रम अधिकारी: राजकपूर
- सदस्य सचिव सहायक श्रम आयुक्त
- लीड बैंक मैनेजर
- स्वयंसेवी संस्थाएं: प्रथम संस्था, देहात इंडिया, अपराजिता, और एक्शन हेड
बाल श्रम उन्मूलन के लिए भविष्य की योजनाएं
कार्यशाला में बाल श्रम उन्मूलन के लिए भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई, जिसमें शामिल हैं:
- नियमित निरीक्षण और जागरूकता अभियान।
- बाल श्रमिकों के पुनर्वास और शिक्षा के लिए और अधिक योजनाओं का लाभ।
- समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ सहयोग।
- नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई।
यह कार्यशाला बहराइच जिले में बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। जिला टास्क फोर्स और स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वित प्रयासों से 164 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया गया। प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी ने सभी हितधारकों से इस अभियान को और तेज करने की अपील की ताकि जिले को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके।
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अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध सप्ताह के तहत आयोजित यह कार्यशाला न केवल जागरूकता बढ़ाने में सफल रही, बल्कि बाल श्रम के खिलाफ ठोस कार्यवाही के लिए एक मंच भी प्रदान किया। यह आयोजन बहराइच के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।