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रईस
बहराइच/उत्तर प्रदेश। भारतीय संविधान रक्षक सेना द्वारा 15 जून 2025 को बहराइच के सर्राकला में “संविधान व आरक्षण बचाओ महा आंदोलन” परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले थीं, और इसका संचालन संगठन के संस्थापक अक्षयवर नाथ कनौजिया ने किया।
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कार्यक्रम का प्रारंभ
परिचर्चा की शुरुआत डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालक अक्षयवर नाथ कनौजिया ने कार्यक्रम के उद्देश्य और संविधान रक्षक सेना के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि का उद्बोधन
पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने अपने संबोधन में संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा:
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“मैं आरक्षण, संविधान, और हर गरीब के रोटी, कपड़ा, मकान के अधिकार के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करती रहूंगी। गरीबों की लड़ाई के लिए मैंने दिन-रात मेहनत की है और संविधान की रक्षा के लिए सांसद पद का त्याग भी किया। डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में कोई बदलाव नहीं होने दूंगी, चाहे मुझे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।” उन्होंने संविधान की मूल भावना को बनाए रखने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
परिचर्चा के प्रमुख बिंदु
कार्यक्रम में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा हुई:
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- संविधान की रक्षा: भारतीय संविधान, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, सामाजिक समानता, न्याय, और स्वतंत्रता का आधार है। इसे किसी भी बदलाव से बचाने की आवश्यकता।
- आरक्षण का महत्व: आरक्षण नीति अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण का साधन है।
- गरीबों के अधिकार: रोटी, कपड़ा, और मकान जैसे बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर आंदोलन की जरूरत।
- सामाजिक जागरूकता: संविधान और आरक्षण के प्रति समाज के हर वर्ग, विशेषकर युवाओं, में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में संगीता रागनी, अरून गौतम, श्रवण गौतम, पवन कुमार, हरिश्याम गौतम, ताराचन्द गौतम सहित काफी संख्या में क्षेत्रीय महिला और पुरुष उपस्थित थे।
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“संविधान व आरक्षण बचाओ” परिचर्चा कार्यक्रम ने बहराइच के सर्राकला में सामाजिक जागरूकता और एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सावित्री बाई फुले के प्रेरक उद्बोधन ने उपस्थित लोगों में संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए नए उत्साह का संचार किया। भारतीय संविधान रक्षक सेना ने इस आयोजन के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता के लिए अपने संकल्प को दोहराया। यह कार्यक्रम संविधान की रक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ।