अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर। नगर के सबसे बड़े मोहल्ले करैहापारा के बेदपारा (खाल्हेपारा) में नगरपालिका द्वारा कराए जा रहे नाली पुनर्निर्माण कार्य में ठेकेदार की लापरवाही और नियमों की अनदेखी से स्थानीय लोग त्रस्त हैं। निर्माण में गुणवत्ता की कमी, धीमी प्रगति, और सड़क पर बिखरे मलमे के कारण मोहल्लेवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के नजदीक होने के बावजूद काम अधूरा है, जिससे जलभराव का खतरा बढ़ गया है।
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नाली निर्माण में अनियमितताएं
बेद तालाब से मौली माता मंदिर चौक तक लगभग 250-300 मीटर लंबी और 2×2 फीट की सीसी नाली का पुनर्निर्माण डेढ़ महीने से चल रहा है, लेकिन अभी तक आधा काम भी पूरा नहीं हुआ। 40-45 वर्ष पुरानी जीर्ण-शीर्ण नाली को हटाकर नया निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार द्वारा बरती जा रही लापरवाही से काम की गुणवत्ता और गति दोनों प्रभावित हैं।
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स्थानीय निवासियों के अनुसार, पुरानी नाली की खुदाई के बाद बिना ठोस बेस तैयार किए 6 मिमी और कुछ स्थानों पर 8 मिमी के छड़ों का जाल बनाकर सीसी की दीवारें खड़ी की गई हैं। दीवारों की ढलाई असमान है—कहीं 1 इंच, कहीं 2 इंच, और कहीं 3 इंच मोटी। नियमानुसार, नाली की दीवारें जमीन से ऊपर तक 4 इंच मोटी होनी चाहिए। इस घटिया निर्माण से नाली की टिकाऊपन पर सवाल उठ रहे हैं। एक निवासी ने कहा, “ऐसी नाली कुछ ही महीनों में टूट जाएगी। यह जनता के पैसे की बर्बादी है।”

सड़क पर मलमे से आवागमन में दिक्कत
नाली की खुदाई से निकले मलमे और मिट्टी को ठेकेदार ने सड़क पर ही छोड़ दिया है। कुछ स्थानों पर मलमे को खरीददारों के लिए हटाया गया, लेकिन बाकी मलमा सड़क पर पड़ा होने से आवागमन में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है। बच्चे, बुजुर्ग, और राहगीर संकरी और अवरुद्ध सड़क पर चलने को मजबूर हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। मलमे के ढेर ने सड़क को और संकरा कर दिया है, जिससे वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है।
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ठेकेदार का तर्क और जनता का आक्रोश
मलमे को हटाने की मांग पर ठेकेदार ने बहाना बनाया कि मोहल्ले के एक व्यक्ति ने मलमा उठाने आए ट्रैक्टर ड्राइवर और मजदूरों के साथ गाली-गलौज की थी। उसने कहा कि मलमा उसी व्यक्ति से हटवाया जाए। इस तर्क से ठेकेदार ने पूरे मोहल्ले और अन्य राहगीरों को परेशानी में डाल दिया है। स्थानीय लोगों ने इस रवैये की निंदा करते हुए कहा, “एक व्यक्ति की गलती का खामियाजा पूरे मोहल्ले को क्यों भुगतना पड़ रहा है?” मोहल्लेवासियों में ठेकेदार की लापरवाही और नगरपालिका की उदासीनता को लेकर गहरा आक्रोश है। एक निवासी ने कहा, “ठेकेदार को जनता की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ अपना मुनाफा देख रहा है।”
नगरपालिका की अनदेखी
करैहापारा मोहल्ला, विशेष रूप से बेदपारा, लंबे समय से नगरपालिका की उपेक्षा का शिकार रहा है। नाली निर्माण में हो रही धांधली और अनियमितताओं की शिकायतों के बावजूद नगरपालिका ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य की निगरानी के लिए कोई अधिकारी मौके पर नहीं आता, जिसके कारण ठेकेदार मनमानी कर रहा है।

बरसात का खतरा और जलभराव की आशंका
बरसात का मौसम नजदीक है, और नाली का काम अभी भी अधूरा है। अगर निर्माण समय पर पूरा नहीं हुआ, तो बारिश के पानी के बहाव से मोहल्ले में जलभराव की गंभीर समस्या हो सकती है। इससे नई नाली को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ घरों और सड़कों पर पानी भरने का खतरा है।
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मोहल्लेवासियों की मांगें
स्थानीय लोगों ने ठेकेदार और नगरपालिका से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- सड़क पर बिखरे मलमे को तत्काल हटाया जाए ताकि आवागमन सुचारू हो।
- नाली निर्माण को नियमानुसार 4 इंच मोटी ढलाई के साथ गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
- नगरपालिका द्वारा निर्माण कार्य की नियमित निगरानी की जाए और ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए।
- बरसात से पहले नाली निर्माण पूरा कर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन की जिम्मेदारी
रतनपुर के बेदपारा में नाली निर्माण में हो रही धांधली और जनता की परेशानी ने नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नगरपालिका को तत्काल हस्तक्षेप कर निर्माण कार्य की जांच करानी चाहिए और ठेकेदार पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, सड़क पर बिखरे मलमे को हटाने और नाली निर्माण को बरसात से पहले पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
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मोहल्लेवासियों की उम्मीद है कि उनकी शिकायतों पर जल्द कार्रवाई होगी और गुणवत्तापूर्ण नाली निर्माण से क्षेत्र में जल निकासी की समस्या का समाधान होगा। यह मामला रतनपुर में नगर प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है, जिसे दूर करने के लिए गंभीर प्रयास आवश्यक हैं।