अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर। धार्मिक नगरी रतनपुर विभिन्न पंथों एवं संप्रदायों की समागम स्थली है। यहां विभिन्न पंथ एवं संप्रदाय के लोग निवास करते हैं एक-दूसरे के धार्मिक आयोजनों में एक दूसरे का साथ देते हैं ।सर्व धर्म समभाव का दिग्दर्शन यहां होता है। रतनपुर का ऐतिहासिक मांघी पूर्णिमा मेला के तीन दिन पूर्व करैहापारा के बेद रत्नेश्वर तालाब के पार में स्थित ऐतिहासिक कबीर आश्रम में तीन दिवसीय संत समागम मेला का आयोजन होता है जो 22/02/2024 को ध्वजा पूजा, ग्रंथ प्रारंभ के साथ शुरू हुई ।दूसरे दिन ग्रंथ, भजन एवं रात्रि में प्रवचन होगा तीसरे दिन मांघी पूर्णिमा को सुबह 8.00 बजे भव्य शोभायात्रा निकलेगी साथ ही दोपहर में प्रवचन सत्संग होगा और शाम 4.00 बजे भोजन भंडारा का आयोजन होगा।

6.00 बजे गुरु पूजा, चौका आरती एवं रात्रि 10.00 बजे से संगीत सभा होगी । इस तरह से यहां तीन दिवसीय संत समागम मेला संपन्न होगा। चार सौ पचास वर्ष पूर्व राजा रत्नसेन के राज्य के समय से यह कार्यक्रम यहां चलते आ रहा है। यहां संत कबीरदास के द्वितीय वंश पंथ श्री सुदर्शन नाम साहेब की समाधि है। संत श्री सुदर्शन नाम साहेब का जन्म संवत् 1595 में हुआ था, इनकी गद्दी 1630 एवं महाप्रयाण संवत् 1690 में हुई जिनकी स्मृति में यह आयोजन हर वर्ष होता है ।इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं। वर्तमान में इस आश्रम के मुख्य महंत श्री निर्मल दास जी साहेब है। उप महंत के रूप में श्री प्रेमदास जी शास्त्री साहेब आश्रम के कार्यक्रमो का संचालन करते हैं। वर्ष भर यहां देश के लाखों कबीर पंथी समाधि का दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं।
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