शांति फाउंडेशन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए किया सम्मानित
अतुल्य भारत चेतना
रईस
मिहींपुरवा/बहराइच। शांति फाउंडेशन, गोंडा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर “एक वृक्ष मां के नाम” अभियान के तहत भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज को प्रकृति से जोड़ना था। इस अवसर पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया और उपस्थित लोगों ने वृक्षों के संरक्षण का संकल्प लिया।
मोहम्मद जमील कुरैशी को पर्यावरण योद्धा सम्मान
अनमोल मॉन्टेसरी स्कूल, गायघाट के शिक्षक मोहम्मद जमील कुरैशी को उनके उत्कृष्ट पर्यावरण संरक्षण प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान से नवाजा गया। जमील कुरैशी ने अपने स्कूल में बच्चों के साथ मिलकर पर्यावरण जागरूकता रैली और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसके माध्यम से उन्होंने बच्चों और समुदाय में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर स्कूल में गतिविधियां
मोहम्मद जमील कुरैशी ने बताया कि अनमोल मॉन्टेसरी स्कूल, गायघाट में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके साथ ही, नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इन गतिविधियों ने बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना को जागृत किया।
शांति फाउंडेशन का आभार और बधाई
मोहम्मद जमील कुरैशी ने इस सम्मान के लिए शांति फाउंडेशन का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके लिए प्रेरणा का स्रोत है और वे भविष्य में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते रहेंगे। स्कूल के प्रधानाध्यापक बरकात अहमद ने जमील कुरैशी को बधाई देते हुए कहा कि उनका शिक्षण कार्य और बच्चों के नवाचार में योगदान सर्वोत्तम है। उन्होंने पर्यावरण जागरूकता के क्षेत्र में उनके प्रयासों की सराहना की।
“एक वृक्ष मां के नाम” अभियान
शांति फाउंडेशन द्वारा चलाए गए “एक वृक्ष मां के नाम” अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृ शक्ति का सम्मान करना है। इस अभियान के तहत किए गए वृक्षारोपण ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक एकजुटता को भी मजबूत किया।
सामाजिक प्रभाव
यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। मोहम्मद जमील कुरैशी जैसे शिक्षकों के प्रयासों से नई पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, जो भविष्य में सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।