अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
छत्तीसगढ़। ऐतिहासिक नगरी रतनपुर एक बार फिर सूफियाना रंगों और आध्यात्मिक उमंग से सराबोर होने जा रही है। जूना शहर में स्थित हज़रत सैय्यद मूसा शहीद रहमतुल्लाह अलैह की पवित्र मजार पर 95वां सालाना उर्स-ए-पाक 31 मई 2025, शनिवार रात 9 बजे से पूरे जोश और शान के साथ मनाया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण भी है।

सूफियाना कव्वाली की महफिल
उर्स की रात को रंगीन बनाने के लिए मशहूर इंटरनेशनल कव्वाल छोटे मजीद शोला मुंबई से पधारेंगे। उनकी मखमली आवाज़ और सूफी सुरों की कशिश हर दिल को झूमने पर मजबूर कर देगी। कव्वाली की यह महफिल रात को आध्यात्मिक और भावनात्मक रंगों से भर देगी, जिसमें जायरीन और श्रोता सूफियाना रूहानियत में डूब जाएंगे।
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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
उर्स के दौरान चादरपोशी, जियारत, और दुआओं का सिलसिला चलेगा, जो आध्यात्मिक शांति और भक्ति का अनुभव कराएगा। मान्यता है कि हज़रत मूसा शाह बाबा की दरगाह पर मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। इस अवसर पर जायरीनों के लिए लंगर की विशेष व्यवस्था भी की जाएगी, जो भाईचारे और सेवा का प्रतीक है।
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की मौजूदगी
इस साल का उर्स न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी खास होगा। आयोजन में कई दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी, जिनमें शामिल हैं:
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- मुख्य अतिथि: छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री लखनलाल देवांगन
- अध्यक्षता: कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव
- विशेष अतिथि:
- डॉ. सलीम राज (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त)
- शकील अहमद (भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष)
- आरिफ खान (प्रभारी, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा)
- विजय केसरवानी (कांग्रेस जिलाध्यक्ष)
- पूर्व विधायक शैलेश पांडे
- स्थानीय नेतृत्व:
- नगर पालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप
- वरिष्ठ नेता अनिल टाह
- दुर्गा कश्यप (भाजपा मंडल अध्यक्ष)
- त्रिलोक श्रीवास
- हीरा सिंह मरावी (वार्ड पार्षद)
- सुभाष अग्रवाल (विधायक प्रतिनिधि)
इन हस्तियों की उपस्थिति इस आयोजन को और भी भव्य और समावेशी बनाएगी।
आयोजन की तैयारियां
उर्स को सफल बनाने के लिए इंतेज़ामिया कमेटी और मुस्लिम जमात रतनपुर दिन-रात जुटी हुई है। कमेटी के प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं:
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- अध्यक्ष: वादिर खान
- कार्यकारी अध्यक्ष: हकीम मोहम्मद (पार्षद)
- उपाध्यक्ष: जिलानी बेग
- सचिव: हुसैन खान
- कोषाध्यक्ष: शेख दाऊद मोहम्मद
रतनपुर: मंदिरों और सूफियाना रूह का शहर
रतनपुर, जिसे मंदिरों का शहर कहा जाता है, हज़रत मूसा शहीद की मजार के कारण सूफी संस्कृति का भी केंद्र है। यह मजार छत्तीसगढ़ में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल है, जिसे “छत्तीसगढ़ का अजमेर” भी कहा जाता है। यहां हर साल लाखों जायरीन अपनी आस्था और श्रद्धा लेकर आते हैं, जो इस स्थान को एक अनूठा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करता है।
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95वां उर्स-ए-पाक हज़रत सैय्यद मूसा शहीद न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक एकता, सांस्कृतिक समृद्धि और सूफी संगीत की रूहानी ताकत का उत्सव है। रतनपुर की यह रात सूफियाना रंगों, आध्यात्मिक शांति और सामाजिक समरसता से जगमगाएगी, जो हर जायरीन और आगंतुक के दिल में एक अमिट छाप छोड़ेगी।