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रईस
बहराइच। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (ग्रापए) की बहराइच जिला इकाई ने अपने संस्थापक अध्यक्ष स्व. बाबू बालेश्वर लाल की 38वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सैनिक भवन, बहराइच में एक श्रद्धांजलि सभा और संगोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर “पत्रकारों के समक्ष चुनौतियां” विषय पर गहन विचार-विमर्श हुआ और जिला इकाई का औपचारिक गठन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुंवर दिवाकर सिंह ने की, जबकि संचालन रईस सिद्दीकी ने किया।
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कार्यक्रम का विवरण
श्रद्धांजलि सभा में स्व. बालेश्वर लाल के पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान को स्मरण किया गया। वक्ताओं ने बताया कि 1980 के दशक में सीमित संसाधनों, जैसे कि पोस्टकार्ड, के माध्यम से उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों को संगठित कर एक मजबूत मंच प्रदान किया। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। संगोष्ठी में पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियों, जैसे माफिया तत्वों का दबाव, पत्रकारों की सुरक्षा, और आर्थिक संकट पर चर्चा की गई।
जिला इकाई का गठन
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की बहराइच जिला इकाई का गठन किया गया। निम्नलिखित पदाधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा की गई:
- संरक्षक: कुलदीप यादव
- अध्यक्ष: कुंवर दिवाकर सिंह
- महासचिव: अजय शर्मा
अन्य पदों पर भी योग्य पत्रकारों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं, ताकि जिला इकाई को और सशक्त बनाया जा सके।
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प्रमुख वक्ताओं का योगदान
वक्ताओं ने स्व. बालेश्वर लाल के जीवन और उनके द्वारा स्थापित पत्रकारिता के मूल्यों, जैसे निष्पक्षता, साहस, और समाज के प्रति समर्पण, पर प्रकाश डाला। उन्होंने पत्रकारों से उनके आदर्शों को अपनाने और संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया। संगोष्ठी में पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकारिता की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ग्रामीण पत्रकार समाज की आवाज को मुख्यधारा तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उपस्थित गणमान्य पत्रकार
कार्यक्रम में इंडो-नेपाल बॉर्डर, रुपईडीहा से आए पत्रकार शेर सिंह कसौधन और इरशाद हुसैन सहित कई गणमान्य पत्रकार उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने स्व. बालेश्वर लाल के प्रति सम्मान और उनके कार्यों के प्रति एकजुटता को दर्शाया।
संगोष्ठी की मुख्य बातें
- पत्रकारिता की चुनौतियां: पत्रकारों ने वर्तमान समय में पत्रकारिता के समक्ष आने वाली चुनौतियों, जैसे दबाव, सुरक्षा, और आर्थिक तंगी पर विचार-विमर्श किया। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग उठाई गई।
- ग्रामीण पत्रकारिता का महत्व: ग्रामीण पत्रकारों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा गया कि वे समाज के हाशिए पर रहने वाली आवाजों को सामने लाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
- स्व. बालेश्वर लाल का योगदान: उनके द्वारा स्थापित संगठन और उनके मूल्यों को जीवित रखने का संकल्प लिया गया।
स्व. बाबू बालेश्वर लाल की 38वीं पुण्यतिथि पर आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा और संगोष्ठी ग्रामीण पत्रकारिता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुई। जिला इकाई के गठन और पत्रकारिता की चुनौतियों पर चर्चा ने संगठन को नई दिशा प्रदान की। यह आयोजन स्व. बालेश्वर लाल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि रहा, जिसमें पत्रकारों ने उनके आदर्शों को अपनाने और ग्रामीण पत्रकारिता को सशक्त बनाने का संकल्प दोहराया।