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अखिल सुर्यवंशी
लकडाई जम्होडी/छिंदवाड़ा। ग्राम लकडाई जम्होडी में पाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का समापन 24 मई 2025 को भव्य और आध्यात्मिक उत्साह के साथ हुआ। इस आयोजन में सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष कथा का मार्मिक चित्रण हुआ, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं के मन को भक्ति रस में डुबो दिया। कथा वाचक पंडित श्री दीपक कृष्णा मिश्रा जी (बनगांव, जमुनिया वाले) ने अपने ओजस्वी वाणी से श्रीमद् भागवत और पुराणों की कथाओं का वाचन किया, जिससे ग्रामवासियों और दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

आयोजन का विवरण
श्रीमद् भागवत कथा का यह आयोजन पाल परिवार के तत्वावधान में हुआ, जिसमें मुख्य यजमान स्व. रामाधार जी पाल के सुपुत्र श्री दयाराम पाल और श्री रामभरोस पाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा का चित्रण विशेष रूप से प्रभावशाली रहा। पंडित दीपक कृष्णा मिश्रा जी ने अपनी विद्वता और भक्ति-भाव से भरे प्रवचनों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और भक्ति के महत्व को श्रद्धालुओं तक पहुंचाया।
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विशाल भंडारा और सामुदायिक सहभागिता
कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त ग्रामवासियों और श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में उपस्थित लोगों ने एकजुटता और भक्ति भाव के साथ इस आयोजन को सफल बनाया। पाल परिवार के इस प्रयास ने न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाया, बल्कि सामुदायिक एकता को भी मजबूत किया। ग्रामवासियों ने पाल परिवार और कथा वाचक पंडित श्री दीपक कृष्णा मिश्रा जी के प्रति आभार व्यक्त किया।

आध्यात्मिक महत्व
श्रीमद् भागवत कथा का यह आयोजन ग्राम लकडाई जम्होडी में आध्यात्मिक जागरूकता और भक्ति भाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा। पंडित श्री दीपक कृष्णा मिश्रा जी ने अपने प्रवचनों में जीवन के नैतिक मूल्यों, भक्ति, और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण की महत्ता को रेखांकित किया। सुदामा चरित्र ने भक्ति और मित्रता की मिसाल प्रस्तुत की, जबकि परीक्षित मोक्ष की कथा ने जीवन-मृत्यु और आत्मा की मुक्ति के गहन दर्शन को स्पष्ट किया।
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ग्रामवासियों का उत्साह
इस आयोजन में ग्रामवासियों और आसपास के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कथा के दौरान माहौल भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण रहा। ग्रामवासियों ने इस आयोजन को एक अविस्मरणीय अनुभव बताया और पाल परिवार की इस पहल की सराहना की। इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी बढ़ावा देते हैं।
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अपील
पाल परिवार और आयोजकों ने ग्रामवासियों और श्रद्धालुओं से भविष्य में भी इस तरह के धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी की अपील की। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि समाज में भक्ति और नैतिकता के मूल्यों को स्थापित करने में भी सहायक है। सभी से अनुरोध है कि वे भविष्य के आयोजनों में भी इसी उत्साह के साथ शामिल हों।