अतुल्य भारत चेतना
वीरेंद्र यादव
बेमेतरा/छत्तीसगढ़। शिव पार्वती को समर्पित गण गौर पूजा राजस्थान और हरियाणा में मुख्य रूप से मनाया जाता है, यह उत्सव होली से लेकर 15 दिनों तक मनाया जाता है शिव शक्ति को समर्पित आराधना पूजा अर्चना किया जाता है छत्तीसगढ़ के नंदवाण ब्राम्हण समाज की महिलाओं ने भी बेमेतरा के भवानी वाटिका में परम्परा गत वेष भूषा में पहन कर शोभा यात्रा निकाली
गणगौर का त्योहार, शिव-पार्वती की पूजा का दिन है यह त्योहार, राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर है, इस त्योहार को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं।
गणगौर त्योहार से जुड़ी मान्यताएं:
पौराणिक मान्यता के मुताबिक माता पार्वती ने भगवान शिव को अपना पति मानने के लिए कठोर तपस्या की थी, माना जाता है कि चैत्र शुक्ला तृतीया को राजा हिमाचल की पुत्री गौरी का विवाह भगवान शंकर के साथ हुआ था, माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को और पार्वती जी ने समस्त स्त्री जाति को सौभाग्य का वरदान दिया था,
इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए व्रत रखती हैं।