अतुल्य भारत चेतना
हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय (Prajapita Brahmakumaris Ishwariya Vishwavidyalay) चर्च वाली गली बरेठ रोड स्थित सेवा केंद्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (international women’s Day) पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें महिलाओं का सम्मान किया गया इस कार्यक्रम में “महिला सशक्तिकरण के लिए परमात्मा शिव द्वारा सकारात्मक परिवर्तन”




(Mahila Sashaktikaran ke liye Parmatma Shiv dwara Sakaratmak Parivartan) विषय पर सभी आगंतुक अतिथियों ने अपने-अपने विचार रखे। सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी (Rajyogini Brahmakumari Rukmani didi) ने आये हुए सभी महिलाओं का स्वागत करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि अगर हर नारी अपनी शक्ति को याद रखें तो नारी शक्ति जागृत हो जाएगी और नारी सशक्त बन जायेगी। देखते हैं नारी शक्ति का इतना सम्मान है कि आज नदियों के नाम बहनों के नाम पर ही है गंगा, यमुना, कावेरी इत्यादि भारत के नाम के साथ भी भारत माता है न कि भारत पिता किसी को आज विद्या मांगना होता है तो विद्या की देवी सरस्वती का पूजन व स्मरण करते हैं किसी को आज धन की आवश्यकता या कमी महसूस होती है तो धन की देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। बच्चों को अच्छे संस्कार देने वाली भी प्रथम गुरु मां ही है इस पर आपने बहुत ही मर्म स्पर्शी सुंदर दृष्टांत दिये। पुरुष को सदाचार की प्रतिज्ञा दिलाने वाली नारी ही है। भोजन बनाते समय सकारात्मक विचार करें उसका प्रभाव स्वयं पर व परिवार पर पड़ेगा। आगे दीदी ने कहा कि समाज में नारी का स्थान महत्वपूर्ण है। नारी के बिना परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती। एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीखा जाएं तो परिवार में खुशहाली आ सकती है। दीप्ति राजपूत एनसीसी मेजर ने अपना अनुभव बतलाते हुए कहा कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान (Brahmakumari centre) में आकर राजयोग मेडिटेशन (Rajyoga Meditation) सीखें। हम खुश रहेंगे तो परिवार खुश रहेगा। नगर पालिका अध्यक्ष यादव जी ने कहा कि हमारे जीवन में जब सकारात्मक विचार (positive thought) आते है तो समझना चाहिए कि हमारे कदम अच्छी दिशा की और बढ़ रहें हैं घर में माता-पिता अपमानजनक बातें करते हैं तो उसका असर बच्चों पर पड़ता है तो हमें ध्यान रखना है अपने एक एक विचारों पर कर्म पर यदि हम अपने अधिकारो के प्रति जागरूक रहे तो महिलाओं का सशक्तिकरण (women’s empowerment) सहज हो जायेगा। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी (Brahmakumari Rekha Didi) ने अपनी वाणी की शुरुआत वन्दे मातरम् (vande Mataram) से किया। हमें गर्व होना चाहिए भगवान ने इस अंतिम जन्म में नारी तन में जन्म दिया यूँ तो हम सभी चैतन्य रूप में दिव्य सितारे हैं और जिस घर में हम आत्माएं रहती हैं वहाँ न कोई स्त्री है और न कोई पुरुष न कोई बच्चा है ना कोई बड़ा वास्तव में यह भी भान रखना मैं स्त्री हूं मैं पुरुष हूँ यह भी इस देह का अभिमान है। जब हम यह भावना रखते हैं मैं भी श्रेष्ठ आत्मा हूँ सामने वाली भी श्रेष्ठ आत्मा है चैतन्य ज्योति है एक पिता के संतान है तो यह महिला सशक्तिकरण दिवस की सार्थकता होगी। अनु बहन ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदियों से नारी को पुरुषों से भी अधिक सम्मान दिया गया है, पहले लक्ष्मी फिर नारायण, पहले सीता फिर राम का नाम लेते हैं। किंतु समय के चलते महिला ही महिला को पीछे करने में और अपने उद्देश्य को भूलने लग गई। यदि देखा जाए तो महिला ही समाज की धूरी है, यदि ठान लें तो अच्छे भावों और प्रयासों से हम महिलाएं समाज को आदर्श समाज का स्वरूप दे सकती हैं। जब भी कोई नारी या अन्य हमें पीछे करने का प्रयास करें तो हमें याद रखना है ,”झुक- झुक ,मर- मर, सीख -सीख” अर्थात हमें खुशहाल परिवार बनाने के लिए विनम्र बनना है। आलोचनाओं आदि को सहन करना है और सदा कुछ अच्छा सीखने का प्रयास करना है इससे निश्चित ही एक सद्भाव पूर्ण समाज का निर्माण कर सकेंगे। लक्ष्मी शर्मा सावित्री महिला मंडल के अध्यक्ष एवं बाल न्यायालय की सदस्य ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सदा खुश रहने के लिए धीरज, प्रेम और शांति की तीन टेबलेट रोज खाएं। कार्यक्रम में गुड़िया शर्मा, कबड्डी नेशनल खिलाड़ी, दीप्ति राजपूत स्टेशन मास्टर, ममता जैन रक्त सेवा समिति अध्यक्ष आदि ने महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में प्रमुख महिलाओं ने दीप प्रज्वलित किया एवं एक दूसरे को आगे बढ़ाने हेतु प्रतिज्ञा भी की। अंत में सभी महिलाओं ने प्राकृतिक फूलों से इको फ्रेंडली होली मना कर, केमिकल रंगों का उपयोग न करने का संदेश दिया और रास का भी आनंद लिया। नंदनी बहन ने बताया परिस्थितियाँ हावी होने का कारण स्वयं के आंतरिक शक्ति का कम होना है आंतरिक शक्ति में वृद्धि करने का सबसे अच्छा माध्यम राजयोग है जिसके द्वारा हम अपनी आन्तरिक शक्तियों में वृद्धि कर परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। आंतरिक शक्ति को जागृत कर स्वयं को सशक्त कैसे बनाएं इसकी विधि को आपने राजयोग की सुंदर कॉमेंट्री द्वारा अनुभूति कराया है। कुमारी मनु द्वारा जन-जन का कल्याण करे तू शिव की शक्ति है नारी गीत पर मनमोहक नृत्य नें दर्शकों का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भिन्न-भिन्न स्थानों ने महिलाएं उपस्थित थी।