अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथा देश के प्रथम राष्ट्रपति एवं संविधान सभा के अध्यक्ष रहे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व प्रखर महाधिवक्ता डा० राजेन्द्र प्रसाद जी एवं महान क्रांतिकारी देशभक्त खुदीराम बोस जी के जयंती तथा हाॅकी के जादूगर पद्मविभूषण से सम्मानित मेजर ध्यानचंद जी के पुण्यतिथि पर ब्लॉक मुख्यालय विशेश्वरगंज में स्थापित सेनानी स्मारक पर सामूहिक रूप से पुष्पांजलि व सामूहिक शैल्यूट करके उपरोक्त महान विभूतियों को सादर नमन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष रमेश चन्द्र मिश्र ने कहा कि देश का स्वतंत्रता आंदोलन अनेक अर्थों में बेजोड़ था। जहाँ एक तरफ महात्मा गॉंधी का अहिंसक क्रांति था वहीं अनेक देशभक्त लोहे से लोहा काटने की कहावत को चरितार्थ करते हुए हथियारों का जबाब हथियारों से देकर अंग्रेज़ी हुकूमत की नींद हराम किए हुए थे। जिसमें खुदीराम बोस जी का नाम अग्रणी रहा। कांग्रेस नेता विनय सिंह ने कहा कि डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी 3 दिसम्बर 1884 में बिहार प्रदेश के सीवान जिले में एक मध्यम परिवार में अवतरित हुए, जो आगे चलकर 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप मुम्बई कांग्रेस महाधिवेशन की अध्यक्षता करके देश व समाज में अलग पहचान बनाई थी। बाद में वे संविधान सभा के अध्यक्ष तथा देश के पहले राष्टपति बन कर सिर्फ भारत के ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व के प्रकाश स्तम्भ बने। वे एक प्रखर महाधिवक्ता व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात हाॅकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी के 45 वें पुण्यतिथि पर सप्रेम याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान श्याम पाठक नरेंद्र शास्त्री राम बदल पाण्डेय, उमेश तिवारी, पिंटू मिश्रा, सतीश सिंह, नसीम इदरीसी, दुर्गेश सिंह, लाल जी गिरि, सरदार छेदी सिंह सहित कई लोगों ने भी अपने अपने विचार ब्यक्त करते हुए तीनों महापुरुषों के कृतित्व और ब्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।