अतुल्य भारत चेतना
राजेश कुमार पटेल
वाराणसी। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति कला संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग), उत्तर प्रदेश सरकार एवं जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार, दिनांक 12 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजे संस्थान परिसर में “जंगो लिंगो लाटी गोंगो एवं गोंडवाना संस्कृति देव दशहरा महोत्सव”, येरोमान (कुवांर मांस) उजियारा पाख दशमी पर्व का आयोजन किया गया।
महोत्सव के अन्तर्गत जंगो लिंगो लाटी देवता अर्थात प्रकृति चक्र-जल-जंगल-जमीन की संस्कृति विकास एवं संरक्षण हेतु विशेष अनुष्ठान के द्वारा गोंड आदिवासी समाज अपने बारह सगा भाई 750 टोटम चिन्ह की स्थापना फड़ापेन एवं नारूंग दाई की सुमिरनी कर करते है। विश्व की अतिप्राचीन गोंगों (पूजा) जन समुदाय के कल्याण की मंगल कामना से करते है। आदिवासी समाज दशों दिशाओं (दशहरा) में अपनी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए सगा संग्गुम के बीच रीति-रिवाज के साथ नये सम्बन्धों के गोत्रां को देव भीड़ी (परिवार मिलन) के माध्यम से जोड़ा जाता है। इस अवसर पर आदिवासी समाज अपने पुरखा-पेन राजाओं के शौर्य को गीत के माध्यम से प्रस्तुत करते है।








जंगो लिंगो लाटी गोंगो एवं गोंडवाना संस्कृति दशहरा महोत्सव, येरोमान (कुवांर मांस) उजियारा पाख दशमी पर्व का सफल आयोजन में जनजाति कला संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग), उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर जनपद वाराणसी के अति प्राचीन गोंडी नृत्य हुडुक मजीरा के दल प्रभारी श्री गुवालू गोंड दल द्वारा आदिवासी गोंडी नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुति किया गया, जिन्हें प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक बृजभान मरावी रहे। महोत्सव में सर्वश्री पूर्वग्राम प्रधान महेंद्र प्रसाद, आदिवासी भुमका सुक्खू मरावी, आदिवासी भुमका राकेश मरावी अदि ने अपना विचार भी ब्यक्त किया साथ ही इस अवसर पर विनोद कुमार, हरगेन यादव, शिवकुमार गोंड, चन्द्र मोहन, गोंड, बाबू लाल, अमन कुमार, छम्मन यादव, बुधिराम गोंड, मनोज गोंड, बलिराम गोंड, पंकज कुमार, पूजा, शालू यादव, शुशीला पटेल, दिनेश कुमार, अनिता गोंड तथा सैकड़ो महिला/पुरुष अदि उपस्थित रहें।