अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल
कटघोरा/कोरबा। हरितालिका तीज का व्रत भादो मास के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन हरितालिका का व्रत सुहागन महिलाओं द्वारा रख़ा जाता है। इस दिन 24 घंटा का निर्जला व्रत रखा जाता है एसा मानना है की निर्जला व्रत में पानी भी नहीं ग्रहण किया जाता है। यदि भूल से भी अन्न या पानी ग्रहण करेंगी तो उपवास का फल नहीं मिलता। इसलिए 24घंटे का निर्जला व्रत ही रखा जाता है। मोहल्ले की महिलाओं द्वारा एक जगह उपस्थित होकर रात्रि को मां पार्वती भोलेनाथ की कथा का श्रवण किया गया। भोर में 4:00 बजे नदी, तालाब या मंदिर के पास मिट्टी के भोलेनाथ की शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना कर विसर्जित किया जाता है। यह पूजा अर्चना अपने पति एवं पुत्र की लंबी सुख समृद्धि के लिए की जाती है। इस दिन फलाहार, रोटी, खुरमी ठेठरी, पूड़ी एवं खट्टा सब्जी का घर घर बनाया जाता है । दूसरे दिन एक दूसरे घर प्रसाद ग्रहण करने की भी परंपरा छत्तीसगढ़ में है। जिसको छत्तीसगढ़ी भाषा में बोरे बासी खट्टा सब्जी बोला जाता है। देवकी नायक ने कहा कि यह व्रत 20 वर्षों से रखते आ रही है,nइस व्रत रखने से घर परिवार सुख समृद्धि बढ़ती है। कीर्ति साहू ने भी कहा कि यह व्रत रखने से परिवार में सुख समृद्धि होती है।