अतुल्य भारत चेतना
डॉ. मीरा पराड़कर
परासिया/छिंदवाड़ा। वंदना लॉन, परासिया रोड पर जय श्री बालाजी एंटरप्राइजेज किसान सेवा केंद्र के तत्वावधान में आयोजित किसान सम्मेलन, सम्मान समारोह, और निःशुल्क कैंसर जांच स्वास्थ्य शिविर में पूर्व राज्यपाल (मणिपुर और छत्तीसगढ़) सुश्री अनुसुईया उइके ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और आयोजन को राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया।

किसान: भारत की आत्मा
पूर्व राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने संबोधन में कहा, “किसान न केवल अन्नदाता हैं, बल्कि वे भारत की आत्मा हैं। उनकी समृद्धि और स्वास्थ्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और देश की प्रगति का आधार है।” उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह किसानों की समस्याओं, तकनीकी जरूरतों, और स्वास्थ्य जागरूकता पर केंद्रित है, जो राष्ट्र निर्माण की नींव को मजबूत करता है। उन्होंने आयोजक दिव्या मिश्रा, सह-आयोजक डॉ. महेश बंदेवार, युवा पत्रकार संगठन, चिकित्सकों, और समाजसेवियों को इस पहल के लिए बधाई दी।
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किसान सम्मेलन: नवाचार और जागरूकता
कार्यक्रम में किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, फसल बीमा, उत्पादन बढ़ाने के तरीकों, बाजार से जुड़ाव, और मूल्य संवर्धन की विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने किसानों को नवीन तकनीकों के उपयोग और उनके उत्पादों को बेहतर बाजार तक पहुंचाने के तरीकों पर मार्गदर्शन प्रदान किया। यह सत्र किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण रहा।

निःशुल्क कैंसर जांच शिविर
आयोजन की एक प्रमुख विशेषता रही निःशुल्क कैंसर जांच स्वास्थ्य शिविर, जिसमें नागपुर के एच.सी.जी. कैंसर सेंटर की डॉ. कमलजीत कौर और उनकी टीम ने सैकड़ों ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं की कैंसर जांच की। इस शिविर के माध्यम से कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और समय पर निदान को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया। सुश्री उइके ने इस पहल को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराना सराहनीय है।
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महिला किसानों की भूमिका
पूर्व राज्यपाल ने महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “आज की महिलाएं कृषि में नवाचार से लेकर विपणन तक हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। यह न केवल सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा भी है।” उन्होंने महिला किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और नवाचार भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

सामुदायिक भागीदारी और भविष्य की अपेक्षा
सुश्री उइके ने युवाओं, पत्रकारों, और चिकित्सकों की सक्रिय भागीदारी को इस आयोजन की सफलता का आधार बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन जनसरोकारों को मजबूत करते हैं और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों की निरंतरता की आशा व्यक्त की और सभी सहभागियों को सादर नमन व शुभकामनाएं दीं।
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आयोजन का महत्व
यह कार्यक्रम न केवल किसानों के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में भी एक कदम साबित हुआ। जय श्री बालाजी एंटरप्राइजेज किसान सेवा केंद्र और सह-आयोजकों के इस प्रयास ने परासिया और आसपास के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाई है। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य जागरूकता के लिए एक प्रेरणादायक पहल बताया।