राजयोगिनी राधा दीदी ने शिक्षकों को शिल्पकार के रूप में वर्णित करते हुए, शिक्षकों की पवित्रता को आज के युग की आवश्यकता बताया
अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता
लखनऊ। ब्रह्माकुमारीज गोमती नगर द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर बहुत ही प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहर के जानेमाने शिक्षाविदों द्वारा शिक्षा से संबंधित अपने अनुभवों और प्रेरणाओं को साझा किया गया। शुरुआत अदिति के मनमोहक स्वागत नृत्य के द्वारा हुई तत्पश्चात असिस्टेंट डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन राजेश साही जी ने डिजिटल युग के खतरों से आगाह करते हुए बताया कि सोशल मीडिया, डिजिटल गैजेट्स आदि के अत्यधिक उपयोग ने बच्चों के जीवन से मानवीय भावनाएं जैसे खुशी, स्नेह, संवाद, करुणा आदि से दूरी बना दी है और वे मानसिक रूप से कमजोर, अकेलेपन, हिंसात्मक उग्रता व टेंशन आदि का शिकार बन रहे हैं।



वहीं केजीएमयू की कम्युनिटी मेडिसिन प्रोफेसर, डॉक्टर रीमा ने बताया कि आज स्वास्थ्य की परिभाषा में नया मानक जोड़ने की आवश्यकता हो गई है। पहले स्वास्थ्य का मतलब तन, मन और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहना होता था लेकिन आज उसमें एक आध्यात्मिक पहलू भी जुड़ गया है। आज लोग अनावश्यक चिड़चिड़ेपन, गुस्से, ईर्ष्या आदि नकारात्मक भावों के शिकार होते जा रहे हैं, जिससे बीमार और बीमारियों की संख्या में संख्या में अत्यधिक इजाफा हो रहा है, हम यही नहीं समझ पाते हैं कि सामने वाला हमसे क्रोधित क्यों है और हमारे संबंधों में इतनी कड़वाहट कहां से आ गई है, मन की यही नकारात्मकता एवं भावनात्मक अवरोध, शारीरिक बीमारियों में बदल जाते हैं। शिक्षाविद टेक्नो इंस्टीट्यूट के संस्थापक रविंद्र अग्रवाल एवं आईo एमo आरo टीo के बंसल जी ने शिक्षकों की प्रमाणिकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम के समापन में ब्रह्माकुमारीज गोमती नगर इंचार्ज राजयोगिनी राधा दीदी ने शिक्षकों को शिल्पकार के रूप में वर्णित करते हुए, शिक्षकों की पवित्रता को आज की युग की आवश्यकता बताया। जैसे शिक्षक होंगे वैसी ही हमारी आने वाली पीढ़ी बनेगी, शिक्षक ही बच्चों के अंदर संस्कारों के बीज बोते हैं जो उनके आने वाले जीवन का मार्गदर्शन एवं आदर्श बन जाते हैं।
बच्चों द्वारा जीवन की आशाओं से भरपूर मनमोहक गीत द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।