अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल
कटघोरा। प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष पूरा पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया ।
यह पर्व पूरी तरह से खेती किसानी के ऊपर निर्भर रहती है ।
खेती किसानी करने के बाद , मिट्टी की बैल, पोरा जाता को सजाकर फूल धूप, दीप दिखाकर,खीर पूरी,भोबरा भोग लगाकर पूजा अर्चना किया जाता है।
आज के मिट्टी का बर्तन उपयोग किया जाता है।
आज के दिन मिट्टी के बर्तन में खाने से दीर्घायु एवं लक्ष्मी आने का संकेत मिलती है। ऐसा बुजुर्गों का कहना है।