
अतुल्य भारत चेतना | हर्षा बनोदे
छिंदवाड़ा। रेडियो को पचास साल पहले से सुनते आ रहे उदयभान ठाकरे के दिल की धड़कन बनी रेडियो फ्रीक्वेंसी और ऐसे जुड़े कि आज वे रेडियो को अपनी जान से बढ़कर समझने लगे। जिला मुख्यालय के पास ग्राम रानीकामथ में रहने वाले 66 वर्षीय उदयभान प्रत्येक दिन देशी रेडियो के साथ साथ तेहरान हिंदी,रेडियो श्रीलंका हिंदी, रेडियो जापान हिंदी, रेडियो नेपाल वीरगंज और रेडियो चाइना हिंदी के 25 से अधिक रेडियो स्टेशनों से जुड़े हुए हैं और लगातार सुनते है। अब वे राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय श्रोता में शामिल हो चुके हैं,जिसके चलते ना केवल उदयभान ने रेडियो श्रोता के 60 से अधिक पुरस्कार विजेता रह चुके हैं, बल्कि इसी कारण 2000 से अधिक देशी विदेशी रेडियो मित्र हो चुके हैं,जिनसे रेडियो के माध्यम से सुख दुख की बातें बांट लिया करते है। इसके साथ ही वे प्रतिवर्ष गणेश उत्सव के बाद अपने निज निवास में तीन दिवसीय रेडियो प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को रेडियो से निरंतर जोड़ने का प्रयास करते आ रहे है, इसके चलते उन्हें बहुत से उपहार भी दिए जाते है। भुवनेश्वर, कोलकाता, बुलढाणा महाराष्ट्र रेडियो श्रोता सम्मेलन में वे लगातार हिस्सा लेते हैं।