सावन की रुत में गाये मल्हार
मेघों से बरसे रिमझिम फुहार
हरियाली से चमके धरती माँ
आया तीज त्योहार
शिव गौरी को करते हैं प्रणाम
आया तीज त्योहार
हाथों में मेहंदी लगाकर
सोलह शृंगार सखियाँ रचायें
पूजन की थाली सजाकर
मैया गौरी को कुमकुम चढ़ाये
लंबी उमर से महके सुहाग
निर्जल रहकर माँगे ये वरदान
आया तीज त्योहार
आँगन में बहने हैं मिलकर
तीज सावन की कजरी सुनाएँ
सजधज के ढोलक बजाकर
मंगल गीतों की धुन गुनगुनायें
झूल रही झूलों पर
छाई है ख़ुशियों की ये बौछार
आया तीज त्योहार

– मणि सक्सेना, मुंबई (महाराष्ट्र)