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कर्रा- नावापारा महिला सरपंच पूर्णा सिंह के विकास कार्यों और सामाजिक सेवाभावी कार्य की हो रही प्रशंसा

By News Desk Jul 18, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल

छग कोरबा। जब विकास कार्य की बात आती है तो पाली विकासखंड के ग्राम कर्रा- नावापारा का नाम भी लिया जाता है। गांव आबादी के लिहाज से भले ही एक छोटा सा गांव है, लेकिन यहां विकास कार्यों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बड़ी राशि विकास पर खर्च हुई है। गांव की बागडोर संभालते हुए महिला सरपंच पूर्णा पिंटू सिंह ने विकास पर करोड़ों रूपये खर्च कर गांव की तस्वीर बदलने का संकल्पित है। हालांकि पूर्व पंचायत के समय में भी विकास पर मोटी राशि खर्च हुई लेकिन मौजूदा पंचायत व पूर्व पंचायत के बीच विकास कार्यों की तुलना करने पर सामने आया कि इस समय गांव विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। करीब 1500 की आबादी व 1000 की जनसंख्या वाले इस गांव में पंचायत द्वारा अब तक करीब 8 करोड़ रूपये की राशि विकास पर खर्च किया गया है। इसका प्रमाण गांव के हर हिस्से में स्पष्ट तौर पर नजर आता है। सरपंच ने गांव की बागडोर संभालते ही गांव में 8 स्थानों पर बोर खनन- 12 लाख, 8 हेण्डपम्प में सबमर्सिबल डाल और सिन्टेक्स स्थापना के माध्यम से शुद्ध पेयजल मुहैया- 10 लाख, 4 स्थानों पर रनिंग वाटर सिस्टम- 6 लाख, 3 जगहों पर रिटर्निंग वाल- 42 लाख, 6 तालाबो में पचरी निर्माण- 15 लाख, 1 सांस्कृतिक मंच निर्माण- 1.50 लाख, मोहल्लों के 8 जरूरत वाले स्थानों पर सीसी रोड 1.35 करोड़, आवश्यकता वाले पहुँचमार्गों में 3 पुलिया निर्माण- 30 लाख, 1 नाली निर्माण- 15 लाख एवं 7.50 लाख के सामुदायिक भवन बनवाए गए। इसके अलावा मनरेगा में 17 लाख से 1 अमृत सरोवर, 1.10 करोड़ की लागत से 12 स्थानों पर नया तालाब, 1 करोड़ से 12 नया डबरी, 10 गहरीकरण कार्य- 90 लाख और लगभग 2.80 करोड़ से 70 समतलीकरण के कार्य कराए गए है। सरपंच के मुताबिक गांव में विकास पर अब तक करीब 7 करोड़ 95 लाख की राशि खर्च की जा चुकी है। सरपंच पूर्णा के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि गांव में तमाम तरह के छोटे- बड़े विकास कार्य हुए हैं लेकिन सरपंच के अथक प्रयास से ग्राम में बालक छात्रावास भवन निर्माण के लिए 1.52 करोड़ की स्वीकृति शासन से मिलना पंचायत की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। पाली विकासखण्ड मुख्यालय के दूरस्थ और वनांचल ग्राम कर्रा- नावापारा की उत्पति पश्चात यहां प्राथमिक, माध्यमिक के बाद हाईस्कूल की प्राथमिकता तो मिली लेकिन यहां पढ़ने वाले बाहरी छात्रों को आने- जाने में परेशानी होती थी। इस समस्या पर सरपंच पूर्णा सिंह ने सराहनीय प्रयास करते हुए शासन- प्रशासन से ग्राम में बालक छात्रावास भवन स्वीकृत करवाया। जिसके निर्माण के लिए 1.52 करोड़ की स्वीकृति मिली है और जिसके निर्माण पश्चात बाहर से आनाजाना कर यहां पढ़ने वाले छात्रों की समस्या का हल हो जाएगा। ग्राम पंचायत का अपेक्षित विकास के साथ ग्राम में बालक छात्रावास भवन की सुविधा महिला सरपंच के प्रयासों से मुक्कमल हुआ। जिसके लिए ग्रामीण उनके कार्यकाल की सराहना कर रहे हैं। सामाजिक सेवाभाव कार्य के तहत अनूठी पहल महिला सरपंच श्रीमती पूर्णा पिंटू सिंह ने अपने निर्वाचन पश्चात ग्राम में एक अनूठा सेवाभावी अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत गांव में लड़की के विवाह पर 5 हजार तो लड़के के विवाह पर 2 हजार की राशि, छट्ठी कार्यक्रम पर 2 हजार तो किसी के मृत्यु पर परिजन को 2 हजार व आवश्यकता वाले सामाग्री निजी तौर पर उपलब्ध करायी जाती है। इस सामाजिक सेवार्थ कार्य को लेकर सरपंच पूर्णा ने बताया कि जब पंचायत चुनाव का दौर चल रहा था तब उन्होंने निर्वाचित होने पश्चात ग्राम विकास और उक्त सेवाभावी कार्य के लिए ग्रामीणों से घोषणा की थी, जिसे पूरा करने गांव के अपेक्षित विकास के साथ जरूरतमंदों की मदद करते आ रही है। अपने कार्यकाल में जितना हो पाया उतना विकास करवाया सरपंच पूर्णा ने ग्राम के विकास को लेकर कहा की मेरी ये शुरू से ही इच्छा थी कि अगर मुझे कभी मौका मिले तो मैं गांव की समस्या दूर कर विकास कार्यों से ग्राम की तस्वीर बदल दूंगी। अब यह सपना साकार हो गया है। ग्राम की हर बुनियादी समस्या का निराकरण कर और पंचायत वासियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना मेरी प्राथमिकता रही है और मैं अपने कार्यकाल की यही उपलब्धि मानती हूं कि गांव के विकास कार्य पर अबतक तकरीबन 8 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है। जिसमें पंचों व ग्राम पंचायत वासियों ने मुझे अथक सहयोग किए।

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