



अतुल्य भारत चेतना
राजेश कुमार हाडिया
प्रागपुरा कस्बा का मोहर्रम ऐतिहासिक व सुप्रसिद्ध दूर दराज से देखने आते है लोग : सदर आमीन मंसूरी
कोटपूतली। बुधवार को मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन एवं उनके बहत्तर हमराहियों की शहादत की याद में प्रागपुरा कस्बा के शाही जामा मस्जिद मोहर्रम वाले चौक से ढोल-ताशों की मातमी धुनों के बिच मोहर्रम ताजिए का जुलूस शुरु हुआ। जुलूस सीताराम मन्दिर से प्रारम्भ होकर मुख्य बाजार होते हुए सुभाष चौक पहुंचा। जहां महिलाओं ने नारियल के गोलों को मुहर्रम के सामने तख्खत से घुड़ाकर मन्नते मांगी। जुलूस में शामिल हुसैन के चाहने वालों के मुंह से या हुसैन-या अब्बास और या अली की सदा निकली। जिनसे दिनभर क्षेत्र गूंजायमान रहा। कोटपूतली बहरोड़ पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन व जिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेम सिंह के सुपरविजन एवं डीएसपी रोहित सांखला व प्रागपुरा कार्यवाहक एसएचओ राजेश कुमार मीणा की मौजुदगी में मोहर्रम पर्व को लेकर क्षेत्र में शांति व्यवस्था व कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए दिनभर पुलिस सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त रहा। प्रागपुरा वक्फ बोर्ड कमेटी सदर आमीन मंसुरी ने बताया कि दिल्ली – जयपुर के बिच कोटपूतली बहरोड़ जिला क्षेत्र में प्रागपुरा कस्बा का मोहर्रम ऐतिहासिक व सुप्रसिद्ध है जिसे जयपुर – दिल्ली, यूपी, पंजाब, एमपी समेत आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों लोग देखने व जुलूस में शरीक होने आते है। यह पर्व क्षेत्र में हिंदू – मुस्लिमों का सौहार्द का प्रतिक रहा है। जिसे स्थानीय लोग आपसी सद्धभावना व शांति पूर्वक वर्षों से मनाते आ रहे है। नायब सदर अयूब लुहार, कमेटी सचिव समीर व कमेटी सदस्य इमरान लुहार ने बताया कि मोहर्रम सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। यहां हिंदु समुदाय की महिलाएं पहले पूजा अर्चना करती है और उसके बाद ही ताजियों का जुलूस शुरु होता है। ये परंपरा चार सौ वर्ष पुरानी है जिसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी निभाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश हाडिया ने बताया कि ताजियों के दौरान मनीष ब्रजेश किताब वाले ने ज्योती मेड़िकल के सामने ठंडा शरबत, सुभाष चौक पर कमेटी सदस्यों ने मिठे पानी की छबिल व गोगा मन्दिर स्थित आगंतुक व ग्रामवासियों के लिए भोजन की सुसज्जित माकुल व्यवस्था की गई। मोहर्रम मेले के दौरान थानाप्रभारी राजेश मीना समेत पुलिस का पर्याप्त जाप्ता दिनभर अलर्ट मोड़ में रहा। शाम को मगरिब की नमाज के ठीक पहले ताजिए को गांव स्थित कर्बला में दफना दिया गया। इस दौरान वक्फ बोर्ड कमेटी सदस्य कयुम कुरेशी, लल्लू भिस्ती, इकबाल शाह, बाबू मंसूरी, मल्लू तेली, अशलम शेख फारुखी, सराज कुरेशी, पप्पू लुहार, इकरामुद्दीन शाह, उस्ताद इदरिस शाह, समशेर शाह, मजीद लोहार, मुमताज भाया, महमूद लोहार, रिजवान कुरेशी, मोहम्मद रहीस पावटा, शिम्भूदयाल हाडिया, मनोज सोनी, पप्पू स्वामी, घासीलाल मीणा, सद्दाम हुसैन, सहिद लुहार, रमजान जिंदरान, फिरोज लोहार, हारुण लुहार आदि मौजूद रहे।