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ब्रह्माकुमारीज के लखनऊ स्थित रिट्रीट सेंटर गुलजार उपवन में “राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प” प्रोजेक्ट का हुआ भव्य शुभारंभ

By News Desk Jul 13, 2024
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अतुल्य भारत चेतना (संवाददाता)

लखनऊ। ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के गोमती नगर केन्द्र द्वारा ब्रह्माकुमारीज ग्रामीण विकास शाखा, कृषि विभाग सहित कई एनजीओ एवं सरपंचों के सहयोग से ‘राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ गुलजार उपवन में शनिवार, दिनांक 13 जुलाई को सांय 3:00 बजे किया गया।

मधुबन से आए ब्रह्माकुमारीज गोकुल ग्राम के वरिष्ठ सदस्य चंद्रेश भाई जी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जब तक गांव विकसित नहीं होंगे, भारत का सर्वांगीण विकास संभव नहीं। और गांव को सुधारने का यह नैतिक कार्य प्रधानमंत्री जी के प्रेरणा से ब्रह्माकुमारीज ने अपने हाथ में लिया है। इसके लिए ब्रह्माकुमारीज के कृषि प्रभाग द्वारा किसी एक गांव को गोद लेकर उसका आर्थिक, सामाजिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास कर, राजऋषि गोकुल ग्राम के रूप में विकसित किया जाता है।

इस योजना के लिए विभिन्न एनजीओ, सरकारी योजनाओं एवं ब्रह्मकुमारीज के सदस्यों के माध्यम से गांव की सफाई व्यवस्था, उसका सौंदर्यकरण, महिला सशक्तिकरण, बच्चों की उचित शिक्षा का प्रबंध एवं उसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह-तरह के प्रशिक्षण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जाता है। गांव में व्याप्त बुराइयों जैसे शराब, नशे आदि की आदतों से ग्रामीणों को उनसे छूटने की प्रेरणा देना और उसमें सहायता करना और इसके साथ-साथ गांव का मुख्य आधार कृषि, उसकी गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है। इस प्रोजेक्ट का एक प्रमुख अंग कृषि की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इसके लिए बीजों से शुरुआत करके, कृषि के विभिन्न स्तरों पर बिना किसी खाद के ऑर्गेनिक खेती तो की ही जाती है, साथ-साथ कृषि के विभिन्न स्तरों पर संस्कारीकरण करके शाश्वत योगिक खेती सिखाई जाती है। इस तरह की खेती की वैज्ञानिक सत्यता भी स्थापित की जा चुकी है और इसके माध्यम से बहुत ही पोषक अनाज प्राप्त किया जाता है। इस कृषि से प्राप्त फसलों का बाजार में मूल्य भी बहुत अच्छा मिलता है।इस प्रोजेक्ट के आधार पर राजस्थान तथा महाराष्ट्र के कई गांव पहले से ही विकसित किया जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी शिवलर गांव से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है।कृषि विभाग के पूर्व सहायक निदेशक बद्रीविशाल तिवारी जी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत को पुनः उसकी स्वर्णिम गरिमा में स्थापना करना है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से गोमूत्र, केंचुआ एवं माइक्रोब आधारित कृषि तथा मोटे अनाजों का उत्पादन भी शामिल है। धीरे-धीरे भारत के अधिकांश गांवों को इस प्रोजेक्ट में शामिल करने की योजना है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंकज त्रिपाठी, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम ने भारत के गावों को उनकी प्राचीन गरिमा में पुनः स्थापित करने के लिए ब्रह्माकुमारीज के इन प्रयासों की सराहना की। राजस्थान से आए जहोता गांव के सरपंच श्याम जी भाई, अमरीका से अपनी बहुत अच्छी नौकरी छोड़कर हैदराबाद में कृषि को बढ़ावा देने के लिए बस गए रामलिंगन रेड्डी जी विशेष अतिथियों के रूप में उपस्थित थे। देव सिंह, एफपीओ प्रमुख, मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता रीता मित्तल, पंकज तिवारी, रतनाम चित्तूरी एवं अरविंद मुखर्जी ने एनजीओ प्रतिनिधियों एवं संस्थापकों के रूप में कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। लखनऊ के आसपास से आए हुए कई गांव के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी ली। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजयोगिनी बीके राधा दीदी ने की।

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