जिले में शीर्ष पदों पर तेज तर्रार महिला अधिकारियों की तैनाती फिर भी न्याय नहीं
अतुल्य भारत चेतना
अशोक सोनी
बहराइच। जिले में शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के पद पर महिला अधिकारियों के तैनात होने के बावजूद भी महिलाओं को न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट पर दर दर की ठोकरें खानी पड रही है।बताते चले राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का दंश महिला झेल रही है। न्याय की आस में अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देकर न्याय की गुहार लगा रही है।जब कि जिले में डीएम,एसपी और सीडीओ जैसे प्रशासनिक पद पर तेज तर्रार महिला अधिकारियों की तैनाती के बावजूद जिले में महिलाओं को न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड रही है। मामला नानपारा तहसील के रूपईडीहा नगर पंचायत का है। यहां के प्रसिद्ध डाक्टर लतीफुर रहमान सिद्दीकी की मृत्यु के पश्चात उसकी बहू सकीला बानों को परिवार के लोग दुकान और मकान में हिस्सा नही दे रहे है।

डा.सिद्दीकी ने स्टेशन रोड पर दुकान और मकान बना रखा था जिस पर परिवार के लोगों ने अपना कब्जा कर किराए पर उठा दिया।डा. सिद्दीकी के चार बेटे सफीपुर रहमान,अनीसुर रहमान,हफीजुर्रहमान,अजीजुर्रहमान और दो वेटियां परबीन बानों और सन्नो थी।सरकार द्वारा बनवायी जा रही घरौनी में उनके बेटे स्व.अनीसुर रहमान की पत्नी सकीला बानों का नाम दर्ज नही किया गया है। क्षेत्रीय लेखपाल की कारगुजारी से महिला अपने सात बच्चों के साथ दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।आय का साधन न होने से बच्चों का भरण पोषण भी नही कर पा रही है। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी नानपारा अश्वनी पाण्डेय ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है।महिला को न्याय दिलाया जाएगा।
subscribe our YouTube channel
