मलूकपीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज का श्री हित रासमण्डल में हुआ भव्य स्वागत
श्री राधावल्लभजी मंदिर के सेवायत गोस्वामी द्वारा रचित हैं पांचो पुस्तकें
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
वृन्दावन। गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच राधावल्लभीय निर्मोही अखाड़ा श्रीहित रासमण्डल में बुधवार की शाम को मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज पहुँचे।

बड़ा रासमण्डल में श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज ने मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज का माला व पटुका पहनाकर पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया।

मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज ने बताया कि राधावल्लभ संप्रदाय में ब्रज की बहुमूल्य निधियां हैं। बड़ा रासमण्डल वृन्दावन धाम की महिमा अपार है, यहां श्यामा-श्याम की नित्य रासलीला स्थली है।

मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने ब्रज रज एवं वृन्दावन धाम सहित साधु-संतों की महिमा का बखान किया। योगेन्द्र गोस्वामी (पिंकी गोस्वामी) द्वारा रचित पांच की पुस्तकें लिखीं गईं, जिनका विमोचन श्री हित रासमण्डल में मलूकपीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ने किया।

विमोचन की गई पुस्तकों के नाम – श्रीराधावल्लभ प्रेम रूप दर्शन, श्री हित धर्म का सनातन स्वरूप, श्री यमुनाष्टक, श्री गुरू तत्व मीमांसा, श्री हित साधना, हैं।

मलूकपीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि गोस्वामीजी द्वारा रचित पुस्तकों का वर्णन करने से ब्रजवासियों एवं देशवासियों को ब्रज की बहुमूल्य धरोहरों एवं संस्कृति को पहचाना जा सकेगा।

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में महंत दम्पति शरण महाराज, गोविंद गोस्वामी, सुकृत गोस्वामी, रसिया बाबा, रसिक माधव दास, महंत सुन्दर दास, महंत सच्चिदानंद दास, महंत सुतीक्ष्ण दास, स्वामी फ़तेह कृष्ण शर्मा, कथाव्यास प्रेमधन लालन, राधावल्लभ वशिष्ठ, इन्द्र शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में साधु-संत व भक्तजन मौजूद रहे।
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