अतुल्य भारत चेतना
हर्षित सिंह
ग्वालियर। ग्वालियर राजघराने की राजमाता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 70 वर्ष की थीं। माधवी राजे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। 15 फरवरी को उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था और तब से ही उनकी तबियत खराब चल रही थी।दिल्ली के एम्स से जुड़े सूत्रों ने कहा कि माधवी राजे ने सुबह 9:28 बजे अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिन से वह वेंटिलेटर पर थीं और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही थीं। उन्हें 15 फरवरी को एम्स में भर्ती किया गया था। उन्हें सेप्सिस के साथ निमोनिया भी हो गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं, जहां सात मई को मतदान हुआ था। चुनाव प्रचार के दौरान भी सिंधिया का लगातार दिल्ली दौरा होता रहा था।

भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया मूल रूप से नेपाल की रहने वाली थीं। उनका नेपाल के राजघराने से संबंध था। उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे। साल 1966 में उनका माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था।माधवी राजे को सांस में तकलीफ होने पर 15 फरवरी को दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था। वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम (वेंटिलेटर) पर थीं। खुद ज्योतिरादित्य ने गुना में चुनाव प्रचार के दौरान राजमाता के बीमार होने की जानकारी दी थी। दो मार्च को 195 प्रत्याशियों की सूची में भाजपा ने सिंधिया को गुना-शिवपुरी से उम्मीदवार बनाया था। इसके तीन दिन बाद सिंधिया ने अपने क्षेत्र में पहला कार्यक्रम किया था। इस दौरान उन्होंने बताया था कि राजमाता पिछले कुछ दिनों से बीमार है। आप लोगों में भी तो मेरा भाई, बहन, मां-पिता हैं। मैं परिवार को परेशानी में नहीं देख सकता। ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद किया है। ऐसे दुख के समय में मुझे भी आपसे मिलने आना ही था।

मां के करीब थे ज्योतिरादित्य
ज्योतिरादित्य को अपनी मां के काफी करीब माना जाता है। मां की तबियत ठीक नहीं होने की वजह से ज्योतिरादित्य भी भाजपा के कार्यक्रमों से दूर ही रहे। सिर्फ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद से वे लगातार दिल्ली में ही बने हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान भी बीच-बीच में दिल्ली दौरा करते रहे। चुनाव प्रचार थमते ही ज्योतिरादित्य का पूरा परिवार दिल्ली आ गया था।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि “बड़े दुःख के साथ ये साझा करना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रहीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी का इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था। पिछले दो सप्ताह स्थिति बेहद क्रिटिकल थी। उन्होंने बुधवार सुबह 9.28 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली।

पार्थिव देह बुधवार दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक उनके दिल्ली वाले आवास पर रखा गया। फिर गुरुवार सुबह 11 बजे ग्वालियर लाई जाएगी, यहां दोपहर तीन बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी।अंतिम संस्कार ग्वालियर में शाम पांच बजे किया जाएगा। माधवी राजे के निधन पर सीएम डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कई नेताओं ने दुख जताया। राजमाता माधवी राजे मूलत: नेपाल की रहने वाली थीं। वे नेपाल राजघराने से संबंध रखती थीं। उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे। राणा वंश के मुखिया भी रहे थे। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था।
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