अतुल्य भारत चेतना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार 1 अक्टूबर की सुबह नैमिषारण्य धाम पहुंचकर विकास कार्यो की समीक्षा की। वह सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर वेद व्यास धाम स्थित हैलीपैड पर पहुंचे। इसके बाद स्वच्छता श्रमदान के लिए सन्तगणों से मंत्रणा की। मां ललिता देवी के दर्शन करने के बाद जनसभा को संबोधित किया।

वहीं, नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के तहत चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया। साथ ही महामारी व संक्रामक रोगों को रोकने में नैमिष के अरण्य स्वरूप और स्वच्छ वातावरण के महत्व को रेखांकित कर अध्यात्म संग स्वच्छता की साधना का संदेश दिया।

वेद विज्ञान केंद्र, वेदारण्यम, कारीडोर, हेलीपोर्ट सहित विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की, जहां उन्होंने अधिकारियों संग समीक्षा की तो वहीं तीर्थ के वैदिक स्वरूप के अनुरूप विकास पर संत-महंतों से भी चर्चा की। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों और विपक्षी दलों की सक्रियता के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नैमिषारण्य दौरा अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि यहां सपा जून माह में प्रशिक्षण शिविर लगा चुकी है, और कांग्रेस तीन अक्टूबर को सीतापुर में जोनल अधिवेशन करने जा रही है। मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम से विपक्षी दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री वैसे तो दर्शन-पूजन व स्वच्छता कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं,

लेकिन वह इस बीच विपक्षी दलों पर तंज कसकर उनकी चुनावी तैयारियों पर धार हमला किया।उन्होने रामचरित मानस पर टिप्पणी करने वालों, सपा के नैमिषारण्य में हुए प्रशिक्षण शिविर और उनके नेताओं के बयानों का भी तीर्थनगरी से जवाब दिया। मुख्यमंत्री का करीब पौने तीन घंटे तक तीर्थनगरी में प्रवास का कार्यक्रम रहा।

इसमें उन्होने सबसे अधिक समय तीर्थ के विकास कार्यों की समीक्षा व धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों पर दिया । इसमें दर्शन-पूजन से लेकर संत-महंतों से मुलाकात पर करीब चालीस मिनट का समय रखा गया, जो कि काशी, मथुरा, अयोध्या की तर्ज पर नैमिषारण्य विकास को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।