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Kairana news; कैराना में नपा चेयरमैन के खिलाफ सभासदों का धरना 10वें दिन भी जारी, आजाद किसान यूनियन ने दिया समर्थन

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना/शामली। नगरपालिका परिषद कैराना में चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी के खिलाफ सभासदों का धरना-प्रदर्शन रविवार, 13 जुलाई 2025 को 10वें दिन भी निरंतर जारी रहा। धरनारत सभासदों ने चेयरमैन पर तानाशाही, निरंकुशता, और विकास कार्यों की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस दौरान आजाद किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने धरनास्थल पर पहुंचकर सभासदों को अपना समर्थन दिया, जिससे इस आंदोलन को और बल मिला है।

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धरने का 10वां दिन: सभासदों की मांगें बरकरार

4 जुलाई 2025 से शुरू हुआ सभासदों का धरना पालिका प्रांगण में लगातार जारी है। धरनारत सभासदों, जिनमें शाहिद हसन, तौसीफ चौधरी, राशिद बागबान, फिरोज खान, और उम्मेद राणा शामिल हैं, ने चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी पर तानाशाही रवैया अपनाने, जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करने, और विकास कार्यों में भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं। सभासदों का कहना है कि चेयरमैन द्वारा नगर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में पूरी तरह विफलता दिखाई गई है। रविवार को धरने के 10वें दिन सभासद अपनी मांगों पर अडिग रहे। उन्होंने चेयरमैन से मांग की है कि वे जनता के बीच आकर विकास कार्यों को गति देने और समस्याओं के समाधान का वादा करें। सभासदों ने यह भी घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका धरना और भूख हड़ताल जारी रहेगी।

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आजाद किसान यूनियन का समर्थन

धरने को और मजबूती प्रदान करते हुए आजाद किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने रविवार को धरनास्थल पर पहुंचकर सभासदों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। यूनियन के नेताओं ने सभासदों के आंदोलन को जायज ठहराते हुए कहा कि नगरपालिका में विकास कार्यों की अनदेखी और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ यह आंदोलन जनता की आवाज को बुलंद करने का प्रयास है। यूनियन के इस समर्थन ने धरने को व्यापक सामाजिक आधार प्रदान किया है।

सभासदों की बिगड़ती सेहत

धरने के छठे दिन से पांच सभासदों—शाहिद हसन, उम्मेद राणा, राजपाल सिंह, फिरोज खान, और राशिद बागबान—ने भूख हड़ताल शुरू की थी। अब तक चार सभासदों की तबीयत बिगड़ चुकी है, जिनमें शाहिद हसन को गुरुवार शाम से शामली के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। शनिवार को वार्ड नंबर-04 के सभासद राजपाल सिंह की भी तबीयत खराब होने पर धरनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। बावजूद इसके, सभासदों का कहना है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे।

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प्रशासनिक प्रयास और वार्ता की असफलता

धरने के दौरान प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सतीश यादव ने सभासदों से वार्ता की थी, लेकिन सभासदों की चेयरमैन को धरनास्थल पर बुलाने की मांग के कारण बातचीत असफल रही। नायब तहसीलदार ने चेयरमैन से बात करने का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। सभासदों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों पर अडिग हैं और चेयरमैन के साथ सीधी बातचीत के बिना धरना समाप्त नहीं करेंगे।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

सभासदों के इस धरने ने कैराना नगरपालिका की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। इससे पहले भी कई बार सभासदों और चेयरमैन के बीच बोर्ड बैठकों में तीखी नोकझोंक और हंगामा हो चुका है। धरनारत सभासदों में तौसीफ चौधरी, फुरकान अली, साजिद अली, सालिम चौधरी, बलवान सिंह, हारुण कुरैशी, और राशिद उर्फ पोती जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों, जैसे किसान यूनियन, रालोद, और मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधियों ने भी धरने को समर्थन देकर इसे और मजबूती प्रदान की है। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का कहना है कि नगरपालिका में विकास कार्यों की कमी और जन समस्याओं की अनदेखी के कारण यह आंदोलन जनता की भावनाओं को व्यक्त करता है। कई लोगों ने सभासदों के इस कदम को सराहा है और इसे नगर के विकास के लिए एक आवश्यक कदम बताया है।

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सभासदों ने स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन नहीं देते। आजाद किसान यूनियन और अन्य संगठनों के समर्थन से यह धरना अब एक व्यापक जन आंदोलन का रूप लेता दिख रहा है। प्रशासन और नगरपालिका चेयरमैन पर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का दबाव बढ़ रहा है, ताकि सभासदों की बिगड़ती सेहत और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम किया जा सके।

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कैराना में सभासदों का यह धरना न केवल नगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने गंभीर हैं। यह आंदोलन निश्चित रूप से स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच संवाद को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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