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Wed. Jul 23rd, 2025

Chhindwara news; छिंदवाड़ा में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान: सुरेश कपाले को मिल सकती है जिला कमेटी की कमान

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अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी

छिंदवाड़ा/मध्य प्रदेश। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छिंदवाड़ा जिले में अपने संगठन को पुनर्जनन और मजबूती प्रदान करने के लिए संगठन सृजन अभियान के तहत बड़े बदलाव की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। राहुल गांधी के नेतृत्व में शुरू यह अभियान जमीनी स्तर पर पार्टी को सशक्त करने और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करने पर केंद्रित है। छिंदवाड़ा, जो लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है, में हाल की राजनीतिक हार ने संगठन में नेतृत्व परिवर्तन और सक्रियता की मांग को और तेज कर दिया है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए सुरेश कपाले की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है, और कार्यकर्ताओं में उनके नेतृत्व को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।

संगठन सृजन अभियान और नेतृत्व परिवर्तन की मांग

संगठन सृजन अभियान के तहत छिंदवाड़ा में जिला कांग्रेस कमेटी के ढांचे को मजबूत करने और नए नेतृत्व की नियुक्ति की प्रक्रिया जोरों पर है। पर्यवेक्षकों की एक विशेष टीम ने जिले के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात कर उनकी राय जानी और संगठन में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। हाल के वर्षों में छिंदवाड़ा में कांग्रेस को कई झटके लगे हैं, जिनमें शामिल हैं:

2024 लोकसभा चुनाव: कमलनाथ के पुत्र और निवर्तमान सांसद नकुलनाथ की चिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा के विवेक ‘बंटी’ साहू से 1.13 लाख वोटों से हार। यह सीट 1951 से कांग्रेस का गढ़ रही थी, और केवल 1997 में एक उपचुनाव में भाजपा ने इसे जीता था।

अमरवाड़ा उपचुनाव: इस उपचुनाव में भी कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा।

न्यूटन चिखली उपचुनाव: नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 04 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को एक चौथाई वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

इन हारों ने कार्यकर्ताओं में निराशा पैदा की है और जिला नेतृत्व में परिवर्तन की मांग को बल दिया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा नेतृत्व का जमीनी स्तर पर समन्वय कमजोर रहा है, और संगठन की गतिविधियां अक्सर औपचारिकता तक सीमित रहती हैं। पर्यवेक्षकों ने भी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद में बदलाव के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

सुरेश कपाले की मजबूत दावेदारी

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए सुरेश कपाले को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। कपाले की प्रमुख विशेषताएं और योग्यताएं निम्नलिखित हैं:

कमलनाथ और नकुलनाथ के विश्वासपात्र: कपाले पिछले 30 वर्षों से कमलनाथ और नकुलनाथ के करीबी सहयोगी रहे हैं और उनकी विश्वसनीयता ने उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाया है।

संगठनात्मक क्षमता: कपाले ने कांग्रेस सेवा दल के माध्यम से जिले में हजारों युवाओं को पार्टी से जोड़ा है। विभिन्न आंदोलनों, बैठकों, और सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भूमिका रही है।

सामाजिक जुड़ाव: कपाले ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं और ग्रामीण समुदायों, के बीच मजबूत पकड़ बनाई है। सामाजिक मुद्दों को उठाने में उनकी जिम्मेदारी और सक्रियता ने उन्हें एक प्रभावी नेता के रूप में स्थापित किया है।

चुनावी अनुभव: कपाले का लंबा चुनावी अनुभव और कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव उन्हें संगठन को नई दिशा देने में सक्षम बनाता है।

पर्यवेक्षकों के समक्ष कपाले ने अपनी दावेदारी को मजबूती से प्रस्तुत किया और जिले के बदलते राजनीतिक परिवेश में संगठन को पुनर्जनन की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यकर्ताओं का मानना है कि कपाले का नेतृत्व जमीनी स्तर पर समन्वय को मजबूत करेगा और पार्टी को भाजपा के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में सक्षम बनाएगा।

छिंदवाड़ा में कांग्रेस की चुनौतियां

छिंदवाड़ा में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं, जो संगठन की कमजोरियों को उजागर करती हैं:

नेतृत्व का कमजोर समन्वय: जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं का कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदायों से सीधा जुड़ाव कमजोर रहा है। कमलनाथ और नकुलनाथ के दौरे के दौरान ही संगठन में सक्रियता दिखती है, लेकिन उनके जाने के बाद गतिविधियां कमजोर पड़ जाती हैं।

कार्यकर्ताओं का पलायन: हाल के वर्षों में कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इनमें अमरवाड़ा के विधायक कमलेश प्रताप शाह, मेयर विक्रम अहाके (हालांकि वे मतदान के दिन कांग्रेस में लौट आए), और कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना और सैयद जफर शामिल हैं।

भाजपा की आक्रामक रणनीति: 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चिंदवाड़ा में आक्रामक रणनीति अपनाई, जिसमें वरिष्ठ नेताओं जैसे कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद सिंह पटेल ने लंबे समय तक प्रचार किया। भाजपा ने स्थानीय स्तर पर 2,000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने पाले में शामिल किया।

इन चुनौतियों ने कांग्रेस की स्थिति को कमजोर किया है और संगठन को पुनर्जनन की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

कार्यकर्ताओं में नया उत्साह

संगठन सृजन अभियान ने छिंदवाड़ा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद और जोश जगाया है। कार्यकर्ता इस अभियान को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिसके माध्यम से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सकता है। पर्यवेक्षकों की टीम ने कार्यकर्ताओं की सक्रियता और उनकी मांगों को गंभीरता से लिया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए नेतृत्व के तहत संगठन की गतिविधियां अधिक प्रभावी होंगी और भाजपा के बढ़ते प्रभाव को चुनौती दी जा सकेगी।

भविष्य की दिशा

छिंदवाड़ा में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को पुनर्जनन और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है। कमलनाथ का प्रभाव जिले में अब भी मजबूत है, लेकिन हाल की हार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन में नए नेतृत्व और सक्रियता की जरूरत है। सुरेश कपाले जैसे नेताओं की दावेदारी और कार्यकर्ताओं का समर्थन इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रहा है।

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर जुलाई 2025 के अंत तक जिला कांग्रेस कमेटी की नई सूची जारी होने की उम्मीद है। यह सूची यह स्पष्ट करेगी कि कांग्रेस जिले में कितना और कैसा बदलाव लाती है। यह बदलाव न केवल छिंदवाड़ा में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होगा, बल्कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की समग्र रणनीति को भी प्रभावित करेगा। संगठन सृजन अभियान के तहत यह पहल छिंदवाड़ा में कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत का संकेत दे रही है।

सुझाव और रणनीति

जमीनी स्तर पर सक्रियता: संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए नियमित कार्यकर्ता बैठकों और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाए।

युवा और महिला भागीदारी: युवाओं और महिलाओं को संगठन में शामिल करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं।

सामाजिक मुद्दों पर ध्यान: स्थानीय समस्याएं, जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे की कमी, को उठाकर जनता के बीच विश्वास अर्जित किया जाए।

डिजिटल प्रचार: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके कांग्रेस की नीतियों और उपलब्धियों को प्रचारित किया जाए।

नेतृत्व समन्वय: नए नेतृत्व को कमलनाथ और नकुलनाथ के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए स्पष्ट रणनीति बनानी होगी।

छिंदवाड़ा में संगठन सृजन अभियान के तहत शुरू हुई यह प्रक्रिया कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। सुरेश कपाले जैसे नेताओं की संभावित नियुक्ति और कार्यकर्ताओं का उत्साह पार्टी को नई दिशा देने में सहायक हो सकता है। यह अभियान न केवल जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति को पुनर्जनन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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