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Bahraich news; पसमांदा समाज की आवाज: मोहम्मद युनुस बोले- सरकार में भागीदारी और विकास के लिए करेंगे संघर्ष

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

बहराइच। 21 जून 2025 को ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद युनुस ने बहराइच के दैनिक भास्कर जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पसमांदा समाज की शासन-प्रशासन, शिक्षा, और रोजगार में भागीदारी सुनिश्चित करने की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आबादी का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा पसमांदा समाज का है, फिर भी यह समुदाय सामाजिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से हाशिए पर है। इस अवसर पर संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भी पसमांदा समाज के उत्थान के लिए निरंतर संघर्ष का संकल्प दोहराया।

पसमांदा समाज की स्थिति और मांगें

मोहम्मद युनुस ने अपने संबोधन में कहा, “पसमांदा समाज को लंबे समय से अशराफ तबके द्वारा दबाया गया है, जिसके कारण यह शिक्षा, रोजगार, और सम्मानजनक जीवन से वंचित रहा है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ देशभर में इस समुदाय के अधिकारों की आवाज उठा रहा है। हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करना है ताकि पसमांदा समाज राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सके और खुद को कभी कमजोर न समझे।”

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उन्होंने जोर देकर कहा कि पसमांदा समाज को अब केवल अनुयायी बनकर नहीं रहना चाहिए, बल्कि नेतृत्व की भूमिका निभानी होगी। “जब तक हम स्वयं नेतृत्व नहीं करेंगे, हमारे अधिकारों की रक्षा और सम्मान संभव नहीं है।” युनुस ने संगठन की विचारधारा को रेखांकित करते हुए कहा कि यह “सुलह हुदैबिया,” “मीसाक-ए-मदीना,” “नबी करीम का आखिरी खुतबा,” और “लाकुम दीनाकुम वलियादीन” जैसे सिद्धांतों पर आधारित है, जो शांति, सह-अस्तित्व, सामाजिक समानता, और धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं।

बहराइच के विकास पर चिंता

प्रेस वार्ता में मोहम्मद युनुस ने अपने गृह जिले बहराइच के विकास कार्यों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में जिले के कई क्षेत्रों का दौरा किया, लेकिन जमीनी हालात निराशाजनक हैं। सरकार द्वारा विकास के लिए बजट और योजनाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन उनका समुचित क्रियान्वयन नहीं हो रहा। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी धन का पूरा उपयोग नहीं हो रहा।”

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उन्होंने सरकार से मांग की कि बहराइच में शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में ठोस पहल की जाए ताकि स्थानीय जनता को उनका वास्तविक हक मिल सके। युनुस ने विशेष रूप से पसमांदा समाज के लिए शिक्षा और स्वरोजगार योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यह समुदाय आर्थिक रूप से सशक्त हो सके।

संगठन की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ एक राष्ट्रवादी सामाजिक संगठन है, जो पसमांदा समाज के सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, और आर्थिक विकास के लिए कार्यरत है। मोहम्मद युनुस ने बताया कि संगठन “ज़कात फाउंडेशन” के माध्यम से गरीब परिवारों की मदद और स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। भविष्य की योजनाओं में “पसमांदा वॉयस” पत्रिका का पुनः प्रकाशन, सभी जिलों में गरीब बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए पायलट प्रोजेक्ट, और विभिन्न राज्यों में संगठन का विस्तार शामिल है। उन्होंने कहा कि संगठन वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्क आधारित सोच को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करता है, ताकि पसमांदा समाज में जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़े।

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उपस्थित पदाधिकारी और संकल्प

प्रेस वार्ता में संगठन के प्रमुख पदाधिकारी नफीस अंसारी, दोस मुहम्मद, इबादुल हक, बदरुद्दीन आदिल, शादाब, फुज़ैल, और हलीम अंसारी उपस्थित रहे। सभी ने पसमांदा समाज के उत्थान के लिए निरंतर संघर्ष करने और सामाजिक समानता, राजनीतिक जागरूकता, और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करने का संकल्प दोहराया।

सामुदायिक प्रभाव और महत्व

यह प्रेस वार्ता बहराइच में पसमांदा समाज की आवाज को बुलंद करने और उनके हक-अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। मोहम्मद युनुस ने पसमांदा समाज की 85 प्रतिशत आबादी के बावजूद उनकी सीमित भागीदारी को रेखांकित करते हुए इसे बदलने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संगठन का लक्ष्य पसमांदा समाज को मुख्यधारा में लाना और उन्हें शासन-प्रशासन में उचित प्रतिनिधित्व दिलाना है।

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बहराइच, जो उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा पर स्थित है, में इस प्रेस वार्ता ने स्थानीय समुदाय को प्रेरित किया और विकास कार्यों में पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन की मांग को मजबूती प्रदान की। यह आयोजन पसमांदा समाज के लिए सामाजिक न्याय, शिक्षा, और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक बना।

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